


(महादेव देवआदि देव भोलेनाथ के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एक यह भी)









(योगेश पांडे)
पिथौरागढ़ l आदि कैलाश उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित है, जो हिमालय पर्वत की एक पवित्र श्रृंखला में स्थित है। यह आदि कैलाश भगवान शिव के निवास के रूप में माना जाता है और हिंदू धर्म के लोगों के लिए एक पवित्र तीर्थ स्थल है।
आदि कैलाश को छोटा कैलाश, बाबा कैलाश और जोंगलिंगकोंग पीक के नाम से भी जाना जाता है।
आदि कैलाश पहुंचने का मार्ग:
- पिथौरागढ़: यात्रा का पहला मुख्य पड़ाव पिथौरागढ़ है, जहां से यात्रा शुरू की जाती है।
- धारचूला: पिथौरागढ़ से लगभग 100 किमी की दूरी पर धारचूला स्थित है, जो भारत-नेपाल सीमा पर स्थित एक प्रमुख व्यापारिक शहर है।
- गुंजी: धारचूला से 50 किमी की दूरी पर गुंजी स्थित है, जो सेना का बेस कैंप भी है।
- आदि कैलाश: गुंजी से लगभग 30 किमी आगे जाने के बाद श्रद्धालु आदि कैलाश पर्वत के दर्शन कर सकते हैं।
5 मंदिर की विशेषताएं:- पार्वती सरोवर: आदि कैलाश के पास स्थित पार्वती सरोवर में माता पार्वती ने स्नान किया था, जो अत्यंत पवित्र और निर्मल है।
गोरखनाथ गुफा: गुफा के भीतर शिवलिंग स्थापित है, जो भगवान शिव के प्रिय भक्त गोरखनाथ जी से जुड़ी है।
शिव पार्वती मंदिर: आदि कैलाश में स्थित शिव पार्वती मंदिर एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक केंद्र है।
आदि कैलाश की आकृति: आदि कैलाश पर्वत की आकृति बिल्कुल श्री कैलाश मानसरोवर के समान प्रतीत होती है।
यात्रा के लिए आवश्यक दस्तावेज:इनर लाइन परमिट: आदि कैलाश यात्रा के लिए इनर लाइन परमिट आवश्यक है, जो कुमाऊं मंडल विकास निगम के जरिए रजिस्ट्रेशन करने के बाद मिलता है।
मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट: यात्रा पर आने के लिए मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट भी आवश्यक है।
पुलिस वेरिफिकेशन* पुलिस वेरिफिकेशन भी आवश्यक है।
