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पुराणों के अनुसार ब्रह्म जी ने श्रष्टि की रचना कर दी।मानव और पशुओं की उत्पत्ति भी हो गयी। भगवानो के विभाग भी बंट गए। ब्रह्मा जी श्रष्टि के रचयिता, भगवान विष्णु पालनकर्ता और महादेव संहार कर्ता कहलाए। अब समस्या आई कि रचना तो हो गयी, लेकिन आवश्यक भवन, अस्त्र शस्त्र,वाहन इत्यादि का निर्माण कौन करे तब ब्रह्मा जी विष्णु भगवान के पास गए और समस्या बताई, भगवान विष्णु अपने अंश रुप से भगवान विश्वकर्मा का रुप धारण कर संसार की आवश्यक वस्तुओं का निर्माण करा। इसलिए आज के दिन श्रमिकों द्वारा अपने औजारों, फैक्ट्रीयों में मशीनों की पूजा,वाहन पूजा इत्यादि करते हैं। जिससे भगवान विश्वकर्मा प्रसन्न होकर अपनी कृपा प्रदान करें। आज ही कुमाऊं और गढ़वाल के बीच युद्ध का प्रतीक खतडुवा भी है। उत्तराखंड बनने के बाद इस खतडुए त्यौहार का चलन कम हो गया है। आज सामूहिक रुप से घास लकड़ी इकट्ठी कर आग लगा ककड़ी का प्रसाद बांटते हैं गाय की जीत के दिवस रुप में मनाया जाने वाला यह त्यौहार अपना अस्तित्व खो चुका है।












