


(योगेश पांडे)










आज दिनाँक 9 मार्च को प्रगतिशील महिला एकता केंद्र और प्रगतिशील भोजन माता संगठन,पछास, क्रालोस द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मजदूर महिला दिवस के अवसर पर एक सभा का आयोजन किया गया। सभा बुद्ध पार्क में आयोजित की गई। सभा में स्थानीय महिलाओं और भोजन माताओं भागीदारी की । सभा को संबोधित करते हुए प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की महासचिव ने कहा कि 8 मार्च हम महिलाओं के संघर्षों का प्रतीक दिन है करीब 115 वर्ष पूर्व इस दिन अमेरिका की महिलाओं ने बेहतर मजदूरी व पुरुषों के बराबर सुविधाओं के लिए अमेरिका की सड़कों पर जुलूस निकाला था ।इसी दिन 8 मार्च 1917 को रूस की महिलाओं ने रोटी और शांति के नारे के जरिए फरवरी क्रांति की शुरुआत की थी ।महिलाओं के आक्रोश के आगे जाऱ शाही ध्वस्त हो गई थी । भोजनमाता यूनीयन से हेमा तिवारी ने कहा कि आज भी महिलाएं हर जगह दोयम दर्जे का जीवन जीने को मजबूर हैं। घर परिवार में जहां उन्हें पुरुषों से कमतर माना जाता है वहीं कल कारखानों में; दफ्तरों में उन्हें पुरुषों से कम वेतन दिया जाता है lपिछले 100 वर्षों में महिलाओं ने बहुत सारे अधिकार लड़कर हासिल किए हैं पर आज देश की संघी सरकार इन अधिकारों को छीनकर महिलाओं को घरों में कैद कर देना चाहती है lवह महिलाओं को केवल बच्चे पैदा करने की मशीन में तब्दील कर देना चाहती है । क्लास से मुकेश भंडारी जी ने कहा की आज देश में महिलाओं के साथ यौन हिंसा में लगातार बढ़ोतरी हो रही है चाहे घर हो या बाजार ;दफ्तर कहीं भी महिलाएं सुरक्षित नहीं है ।घर परिवार में जहां वे पुरुष प्रधान सामंती मानसिकता की शिकार है वही पूंजीवादी व्यवस्था और बाजार महिला शरीर को एक उपभोग वस्तु के बतौर पेश कर रहा है l इस सबसे महिलाओं के खिलाफ हिंसा में बढ़ोतरी हो रही है। पछास से चंदन ने कहा कि आज महिलाओं को पूंजीवादी उपभोक्तावादी संस्कृति के साथ- साथ साथ पुरुष प्रधान मानसिकता से भी लड़ने की आवश्यकता है । सभा में इंकलाबी मजदूर केंद्र के बंसत ने कहा की अपनी आजादी के लिए महिलाओं को एकजुट होने की जरूरत है बगैर संगठन बनाये महिलाएं आजाद नहीं हो सकती । सभा में महिलाओं की मुक्ति से जुड़े क्रांतिकारी गीत भी प्रस्तुत किए गए। सभा का संचालन प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की आरती गुप्ता ने किया। सभा में मंजू, भावना, साधना, पार्वती, बंसती , ज्योति, मंजू देवी टी०आर०पांडे, रियासत, वाशिद, रईस, चंदन, महेश व कई अन्य महिलाओं ने भी भागीदारी की l

