


(हिमालय स्वराज सेवा ट्रस्ट के तत्वाधान में हो रही है चीनपुर ऊंचापुल में भागवत कथा)










(योगेश पांडे)
हल्द्वानी ऊंचापुल चीनपुर बाबा बालकनाथ मन्दिर में तृतीय दिवस की भागवत कथा में आज व्यास गिरीशानंद शास्त्री ने कहा भगवान ने कहा जुआं जहां जहां होगा जिस घर के लोग ताश के पत्ते खेलते हैं वहां अधर्म होता है उस जगह कलयुग का वास होता है l पांडवों ने जुआं खेला पत्नी साहित राज्य हार गए l मदिरा को व्यास पीठ से साक्षात अधर्म और पाप बताया गिरिशानन्द शास्त्री ने उन्होंने कहा ब्राह्मण को कभी मदिरा पान नहीं करना चाहिए l जो ब्राहमण मदिरा पान करता हो उस ब्राहमण से कभी पूजा पाठ नहीं करवानी चाहिए आज सरकार ने जगह जगह शराब की दुकानें खुलवा दी आपको खुद बचना होगा इस पाप को बढ़ाने वाली वस्तु से अब तो स्त्रियां भी मदिरा पान करने लगी हैं l कलयुग का साक्षात अवतार उन्होंने स्वर्ण को बताया व्यास पीठ से व्यास गिरीशानंद शास्त्री ने कहा जब कलयुग को राजा परीक्षित के राज्य में प्रवेश करने के लिए जगह नहीं मिली तो वह राजा परीक्षित द्धारा धारण किए जरासंध के स्वर्ण मुकुट में बैठ गया और धर्म परायण राजा परीक्षित से भी पाप अधर्म हो गया और कलयुग का संसार में वास हो गया l उन्होंने कहा अपनी बेटी के कन्यादान के लिए लाया गया सोना सोने के आभूषण पहले दूध गंगाजल से धोकर माता भगवती के चरणों में रख पुत्री या बहु को देना चाहिए इससे कलयुग का कुछ प्रभाव कम होगा l व्यास गिरीशानंद शास्त्री ने कहा भोजन उसी व्यक्ति के घर करना चाहिए जिसके भोजन कराने के भाव हों भगवान कृष्ण ने दुर्योधन जैसे राज्य के छप्पन भोग त्याग कर विदुर जैसे निर्धन लेकिन भाव प्रेम का रखने वाले के घर भोजन गृहण किया l इसलिए जहां प्रेम है वहीं भगवान हैं l कलयुग में कल्याण की दो चीजें व्यास गिरीशानंद शास्त्री ने बताई,, पहला हाथों से दिया दान दूसरा मुंह से दिया मान l शास्त्री ने बताया कि भगवान की पूजा में शरीर के साथ साथ मन का लगना अति जरूरी है यदि मन नहीं पूजा में लगा तो शरीर के डारा की पूजा व्यर्थ है l मन ही इंसान का मित्र और मन ही इंसान का शत्रु है इसलिए मन को श्री चरणों में लगाना चाहिए lआज मुख्य रूप से यजमान दया कृष्ण जोशी स्वप्तनिक, कमल जोशी स्वप्तनिक, पूरन जोशी स्वप्तनिक, रेवाधर पाठक स्वप्तनिक रहे l

