

(योगेश पांडे)










देहरादून: उत्तराखंड हाल के दिनों में अपने कड़े और बड़े फैसलों की वजह से सुर्खियों में बना हुआ है। राज्य ने देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता (UCC) लागू कर इतिहास रच दिया। इसके अलावा, नकल माफियाओं के खिलाफ कड़ा अभियान चलाकर सरकार ने सख्त संदेश दिया। जबरन धर्मांतरण पर रोक लगाने वाला कानून, फर्जी मदरसों की पहचान, और मजार के नाम पर हो रहे भू-माफियाओं के कब्जे हटाने जैसे कदम भी इसी सख्ती का हिस्सा रहे।स्वभाव शांत और फैसले कड़ेइन फैसलों के पीछे सबसे बड़ा नाम राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का है। अपने शांत और सौम्य स्वभाव के लिए पहचाने जाने वाले धामी ने इस बार अपने व्यक्तित्व से बिल्कुल अलग, लेकिन सटीक और ठोस निर्णय लिए और उन्हें जमीन पर उतारकर दिखाया। धामी के इन कड़े फैसलों का असर साफ दिख रहा है। न सिर्फ राज्य में उनकी पकड़ मजबूत हुई है, बल्कि भाजपा के भीतर भी उनका कद काफी बढ़ गया है। अब हालात ऐसे हैं कि देश के किसी भी चुनाव में पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची में धामी का नाम होना लगभग तय माना जाता है।ऑपरेशन कालनेमि की चर्चापिछले दिनों उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा का माहौल सुरक्षित बनाए रखने के लिए धामी ने एक ऐसा आइडिया निकाला, जिसकी चर्चा दूसरे राज्यों में भी होने लगी। उत्तराखंड में ऑपरेशन कालनेमि’ चलाया गया, जिसका मकसद कांवड़ियों के बीच छिपे नकली साधु‑संत और उपद्रवियों को पहचानना था और कांवड़ से दूर करना था। इसका नतीजा ये रहा कि 3000 से अधिक फर्जी बाबा पकड़े गए। हरियाणा के सीएम उत्तराखंड दौरे पर पहुंचे तो उन्होंने धामी के कदम की तारीफ की और अपने राज्य में लागू करने की तरफ भी कदम बढ़ा दिया है।भरोसे ने बनाया पोस्टर बॉयउत्तराखंड के किसी सीएम पार्टी और संघ में शायद ही कभी पोस्टर बॉय के रूप में देखा होगा। धामी ने कड़े फैसले लेने की कला के वजह से इस कमाल की सूची में नाम शामिल कराया है। भाजपा की भविष्य की टीम की बात होती है तो धामी का नाम योगी आदित्यनाथ समेत कई आक्रमक नेताओं के साथ लिया जाता है। भाजपा ने धामी की कार्यशैली को देखा है, 2022 विधानसभा चुनावों में हारी हुई बाजी को उन्होंने इतिहास में तब्दील कर दिया। धामी ने उत्तराखंड की राजनीति में एक बात पर मोहर लगा दी। शांत रहकर अपना काम करो… नाम खुद ब खुद हो जाता है।
