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योगेश पांडे)










गाँव कस्बो की कहानियाँ, इतिहास व कैसे पड़ा नाम के रोचक किस्सा और घटना तराई की भी l ,, झाड़ खंडी महादेव,, झाड़ खंडी महादेव का इतिहास लगभग 500 साल पुराना है l कहावत है कि चंद शासन काल में खेती का जिम्मा व सीमाओ की देखा भाली का जिम्मा बुक्सा जनजाति के पास था l पशुपालक रहे घोघा बोक्सा को एक रात स्वपन मे घनी झाड़ियों के बीच दिव्य शिव लिंग के दर्शन हुए l सुबह स्वपन मे देखे जगह की खुदाई करने पर उसे अलौकिक शिव लिंग के दर्शन हुए l वहाँ पर मन्दिर बनवाया गया l 1962 मे भारत और चीन युद्ध में हिस्सा ले चुके पहाड़ के कुछ सैनिक यहाँ पहुंचे। और गांव बन गया और नाम पड़ गया झाडियों में शिवलिंग मिलने के कारण ,,झारखंडी,, । राज्य पाल पुरस्कार प्राप्त शिक्षक धर्मेंद्र सिंह के अनुसार फौजी राम सिंह बिष्ट चौपु(अल्मोड़ा) चम्पावत जोशी, जय दत्त पांडे बागेश्वर सूबेदार राम सिंह बोरा, भवाँन सिंह दानु बेरीनाग, करन सिंह महरा बेरीनाग ने यहाँ झाड़ियों का सफाया कर जमीन को खेती लायक बनाया l आवास बनाने के साथ ही झाड़ खंडी महादेव मन्दिर का जीरोणोद्दार भी कराया l आबादी समय के साथ बड़ते रही लेकिन पौराणिक नाम झाड़ खंडी नहीं बदला l

