


(योगेश पांडे)










शिव मंदिर समिति अशोक विहार तीन पानी हल्द्वानी में 11 दिवसीय महा शिवपुराण कथा का आज भव्य भंडारे के साथ समापन हुआ, शिव महापुराण कथा 4 नवंबर से 14 नवंबर तक चली और इस दौरान पूज्य ब्यास कृष्णानंद शास्त्री ने शिव की अलौकिक लीलाओं का वर्णन किया, इसके अलावा उन्होंने मनुष्य जीवन का उद्देश्य, सेवा का महत्व, दान का महत्व, और निष्काम भक्ति के महत्व पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कथा के दौरान भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों का विशेष रूप से वर्णन किया, 11 दिन तक चले इस शिव महापुराण में हर रोज पार्थिव पूजन किया गया जिसमें एक लाख से भी अधिक पार्थिव पूजन किया गया, जिसमें क्षेत्र वासियों ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया और पुण्य लाभ अर्जित किया, कथा समापन पर पूज्य व्यास कृषणा नंद शास्त्री जी ने सभी धर्म प्रेमी जनता और शिव मंदिर समिति तीन पानी के समस्त पदाधिकारीयों समेत सभी क्षेत्रवासियों को शुभकामनाएं देते हुए उनकी सभी मनो इच्छाये पूर्ण होने का आशीर्वाद दिया।
शिव महापुराण कथा में शिव मंदिर समिति अशोक विहार के समस्त परिवारों ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया, क्या पुरुष, क्या महिलाएं और क्या बच्चे सभी ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना अहम योगदान दिया, जिसके लिए मंदिर समिति के अध्यक्ष कैलाश भट्ट ने सभी क्षेत्रवासियों विशेष कर अशोक विहार वासियों का विशेष धन्यवाद देते हुए उन्हें मंच पर सम्मानित भी किया, 11 दिनों तक चले इस महा शिव पुराण में दूर-दूर से लोगों ने आकर कथा श्रवण कर पुण्य लाभ अर्जित किया, अशोक विहार, सोनकर फॉर्म, खन्ना फार्म, नयागांव, एकता विहार, अंबा बिहार समेत हल्द्वानी नगर के दूरदराज क्षेत्रों से भी लोगों ने अशोक विहार पहुंचकर शिव महापुराण कथा का श्रवण किया और पुण्य लाभ अर्जित किया, कथा समापन के बाद विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया जिसमें हजारों की संख्या में पहुंचकर लोगों ने भंडारा प्रसाद ग्रहण किया, और पूज्य व्यास जी का आशीर्वाद भी प्राप्त किया।
पूज्य व्यास कृषणा नंद शास्त्री जो की कुमाऊं क्षेत्र के सबसे पुराने कथा वाचकों में से एक हैं, उन्होंने बताया कि इस शिव महापुराण कथा के साथ ही उन्होंने 908 कथाएं पूरी कर ली हैं, जिसके लिए उन्होंने सभी धर्म प्रेमी जनता को उनके प्रति आस्था रखने के लिए धन्यवाद दिया।
विदाई समारोह के दौरान ब्यास जी ने कहा कि उन्होंने अभी तक जोरदार स्वागत तो कई जगहों पर देखा है लेकिन ऐसी जोरदार विदाई पहली बार देखी है, लोगों की भक्ति भावना को देख वो गदगद नजर आए, और उन्होंने समस्त विश्व व उत्तराखंड प्रदेश की खुशहाली की कामना करते हुए सभी को आर्शीवाद प्रदान किया और भावुक विदाई ली।
इस महाशिवपुराण कथा को सफल बनाने के लिए शिव मंदिर समिति के अध्यक्ष कैलाश भट्ट ने समस्त अशोक विहार वासियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए भविष्य में भी इसी तरह से एक जुटता दिखाने और मंदिर समिति के कार्यकलापों में बढ़ चढ़कर भाग लेने की अपील की।

