


( वतर्मान में गौलापार क्षेत्र में लगभग चालीस साल पुरानी स्तोत्र की पेयजल योजना है)










(योगेश पांडे)
हल्द्वानी जब शहर से सटे गांवों का यह हाल है तो सोचिये उन दूर दराज के क्षेत्रों का क्या हाल होगा जहाँ लोग तो रहते हैं पर न आपकी न हमारी पहुँच वहाँ तक है l गौलापार हल्द्वानी शहर से सटा हुआ क्षेत्र है क्षेत्रफल और आबादी के हिसाब से ठीक ठाक आबादी यहाँ रहती है पर पीने के पानी के लिए आज भी चालीस साल पुरानी स्त्रोत की पेयजल योजना है जो पूरी तरह क्षति ग्रस्त हो चुकी है l इस कारण कई लोगों को पीने के पानी की आपूर्ति नही हो पाती l अधिकांश लोग सिंचाई नलकूप पर निर्भर रहते हैं l आज गौलापार का इलाका शहरी करण की ओर बड़ रहा है l यहाँ आज भी पचपन लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के हिसाब से पानी देने के पुराने मानक चल रहे हैं l आबादी बड़ रही है लेकिन मानक पुराने तो जनता को परेशानी तो होगी ही उपर से लाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई है l अब जल निगम विश्व बैंक की परियोजना इकाई ने शहरी मानक (135 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन) के हिसाब से खेड़ा गौलापार के लिए नई योजना बनाने का निर्णय किया है l ज्योति पालनी अधिशासी अभियंता, जल निगम विश्व बैंक परियोजना ने बताया कि खेड़ा के लिए शहरी मानकों के तहत नई पेयजल योजना बनाने का प्रस्ताव है l इसके लिए पहले इलाके में सर्वे कराया जायेगा l पेयजल स्त्रोत व अन्य विकल्प तलाशे जायेंगे l सर्वे के बाद नई योजना का प्रस्ताव तैयार किया जायेगा l इधर भाजपा कार्यकर्ता व ग्रामीण गणेश कार्की ने बताया गौलापार के कुछ इलाकों में तो भरपुर पानी की सप्लाई है और कहीं लोग नहर का पानी पीने को मजबूर हैं सबसे ज्यादा परेशानी मानपुर प्रताप पुर और कालीपुर के लोगों को है जहाँ पेयजल लाइन तो पड़ी हैं पर पानी नही हैं l यहाँ लोग नहर का पानी पी रहे हैं l

