


(योगेश पांडे)









सुनो योगेश पांडे की कहनी अब 23 जुलाई को डोर टू डोर प्रथम चरण के चुनाव वाले इलाकों में प्रचार चल रहे थे तो साहब हमने सोचा क्यों न हम भी अपने गृह क्षेत्र जिला अल्मोड़ा भनौली ग्राम पंचायत कसेडमणियां ग्राम नहौलिया में जाकर चुनाव की खबर बनाएं तो रात तकरीबन 11 बजे मैं बाइक से अपने ग्राम पंचायत कसेडमणियां ग्राम नहौलिया पहुंच गया । तो रस्ते भर प्रत्याशियों को अपने अपने मतदाताओं के घर जाते देखा कोई हाथ जोड़ रहा था तो कोई कार्य पूर्ण करने के वादे तो कोई दावत करवा रहे थे। अब 24 जुलाई को चुनाव शुरू हुए कुल मतदाता थे 782 मुझे शाम को पीठासीन अधिकारी ने बताया कि 382 कुल वोट पड़े हैं कारण स्पष्ट था वोटर लिस्ट में नाम तो था लेकिन पलायन से वोटर बाहर था। अब 25 जुलाई को वापस आए तो हर चाय की दुकान से लेकर होटल में चर्चाओं का बाजार गर्म था कोई कह रहा यार फलाने ग्राम प्रधान ने खूब दिल खोल कर रुपया खर्च किया है शायद वोट भी उसी को पढ़ गए होंगे । कोई पैन कापी लेकर कुल पड़े वोट से गुना भाग कर अमुक की जीत और फलाने की हार घोषित कर चुका था कोई कह रहा था यार उसने तो दिल्ली से भी वोटर बुलाए थे अपने खर्चे से और सुविधा के चलते मतदाता आए भी और वोट डाल चले गए।
एक बोला छोड़ यार मैने जिस प्रत्याशी के प्रचार के लिए दिन रात एक कर दिए थे वो प्रत्याशी जब तक मेरे हाथ में स्याही नहीं लगी तब तक मेरे आगे पीछे घूम रहा था और कह रहा था यार आपने मेरे लिए बहुत मेहनत की और जैसे ही मेरे हाथ में स्याही लगी फलाना प्रत्याशी गायब हो गया । कल तक जो खाने पीने से लेकर गाड़ी इत्यादि की सुविधा दे रहा था वोट डालते ही पराया हो गया। अब जीते हारे मुझे क्या मैने अपनी जेब टटोली और शाम की सब्जी का जुगाड कर अपनी बीवी बच्चों के पास एक माह बाद चला गया। कुछ समझे इस प्रकार की चर्चाओं के बाजार में एक आम मतदाता का दर्द भी है और मनोरंजन भी अगली चर्चा द्वितीय चरण के चुनाव 28 जुलाई के बाद सुनने को मिलेगी और हम फिर आपको सुनाएंगे चर्चा।
