

(योगेश पांडे)










देहरादून: अक्सर चर्चाओं में रहने वाला उत्तराखंड परिवहन निगम एक बार फिर से बड़ी मुसीबत में फंसता नजर आ रहा है। वजह है निगम के बेड़े में शामिल अनुबंधित बसों के संचालकों का सात अगस्त से हड़ताल पर जाने का ऐलान। अगर यह हड़ताल हुई तो इससे न सिर्फ निगम की कमाई पर असर पड़ेगा…बल्कि हजारों यात्रियों की परेशानी भी बढ़ जाएगी। खासकर दिल्ली रूट पर जहां फिलहाल 205 अनुबंधित बसें रोज़ाना सेवाएं दे रही हैं।
दरअसल अनुबंधित बस संचालक कई महीनों से अपने बकाया भुगतान को लेकर निगम मुख्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। सोमवार को भी उन्होंने निगम के अधिकारियों से मुलाकात की…लेकिन बात बनने के बजाय और उलझ गई। आखिरकार नाराज़ बस संचालकों ने निगम के महाप्रबंधक पवन मेहरा को ज्ञापन सौंपकर सात अगस्त से बसों का संचालन रोकने की चेतावनी दे दी।
350 अनुबंधित बसें प्रभावित होंगी
फिलहाल प्रदेशभर में करीब 350 अनुबंधित बसें चल रही हैं। अनुबंधित बस स्वामी संघ के अध्यक्ष शेर सिंह चौहान के मुताबिक मई और जून महीने का भुगतान अटका हुआ है जिससे संचालक अपने ड्राइवरों और कर्मचारियों को वेतन तक नहीं दे पा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि निगम के वित्त नियंत्रक आनंद सिंह भुगतान रोक रहे हैं…इसी वजह से उन्होंने संचालन बंद करने का फैसला लिया है।
संघ के संरक्षक अरुण राजपूत ने भी कहा कि वो लोग ईएमआई तक भरने की स्थिति में नहीं हैं। कई बार अधिकारियों से बातचीत के बाद भी कोई समाधान नहीं निकल सका इसलिए बसों को खड़ा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
निगम की सफाई
दूसरी ओर उत्तराखंड परिवहन निगम की प्रबंध निदेशक रीना जोशी ने कहा कि बस संचालक ज्ञापन देने आए थे। निगम में दो सीजन होते हैं पीक और लीन सीजन। पीक सीजन में आमदनी अच्छी होती है तो भुगतान समय पर हो जाता है। लेकिन लीन सीजन में राजस्व कम होने की वजह से देरी हो जाती है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जैसे ही निगम को भुगतान मिलेगा बस संचालकों को भी भुगतान कर दिया जाएगा…ताकि हड़ताल की नौबत न आए।
फिलहाल सबकी निगाहें सात अगस्त पर टिकी हैं…क्योंकि अगर बस संचालकों ने अपने फैसले पर अमल किया तो आम लोगों की मुश्किलें और निगम की परेशानी दोनों ही बढ़ने तय हैं।
