

(भवन तोड़ डाले अतिक्रमण के नाम पर, नियमों का पालन करना और कराने वाला कोई नहीं)











(योगेश पांडे)
हल्द्वानी शहर एक ऐसा शहर हैं जहाँ रोजगार के तो कोई साधन नहीं पर सम्पन्न लोगों की कमी नहीं l हल्द्वानी पहले दो लाइन फिर चार लाइन सड़क का निर्माण हुआ चौड़ा करने के नाम पर भवनों और दुकानों पर अतिक्रमण की मार पड़ी कुछ टूट गए कुछ तोड़े जाने हैं कुछ को नोटिस दिया है वह अपने भवन बचाने के लिए नेताओं के दरवाजे खट कटा रहे हैं पर फायदा क्या l कल एक रूसी पर्यटक हल्द्वानी बस से उतर के अपनी भाषा में बोला ,ओ माई गोड ,सुना था सड़क चौडी हो गई यह तो और भी पतली हो गई ,उसने सच बोला l तस्वीर बयां कर रही है हकीकत एक तरफ वाहन खड़े हैं एक लाइन इनकी पार्किंग में गई दूसरी तरफ दुकाने लगी हैं एक लाइन इनके व्यापार में गई बची दो लाइन उसमें आटो टैक्सी, रेहड़ी फल मूंगफली वाले अब बची एक लाइन चलना है तो चलो नहीं संभल के चलोगे तो दुर्घटना के शिकार हो जाओगे l यदि ऐसा ही होना है तो फिर सड़क चौडी़करण के नाम पर भवन क्यों तोड़ रहे हैं आप l

