

(न्याय के लिए भटक दिवंगत कांस्टेबल की पत्नी मीनाक्षी जोशी)











(योगेश पांडे)
हल्द्वानी कहावत तब हकीकत में बदलती है जब कल की तरह मामले सामने आते हैं l ,, चिराग तले अंधेरा,, यानी सबको न्याय का पालन करने वाली उत्तराखण्ड की मित्र पुलिस अपने ही विभाग के मृतक कांस्टेबल की पत्नी को न्याय नहीं दे सकी आखिर थक हारकर मीनाक्षी को कुमाऊँ आयुक्त दीपक रावत के दरबार में आ फरियाद करनी पड़ती है कि मुझे न्याय दिलवाओ कमिश्नर साहब l आखिर ऐसा क्या हुआ कि सारे अफसरों को छोड़ सीधे आयुक्त से न्याय मांगने आना पड़ा l जबकि एसएसपी से लेकर डीआईजी कुमाऊँ तक हल्द्वानी में बैठते हैं l मालूम करने पर मीनाक्षी ने बताया कि उसके पति की मौत ड्यूटी के दौरान सन् 2021 में हो गई थी l तब से लेकर आज तक वो अपने मृतक पति के देयकों के भुगतान व मृतक आश्रित कोटे से नौकरी की आश कर पुलिस विभाग के चक्कर काट रही है लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी सबने हमदर्दी जता आश्वाशन जरूर दिये l ताज्जुब है क्या पुलिस विभाग इतना उदासीन हो गया कि उसे अपनी ही कर्मचारियों के परिवार के दर्द से कोई मतलब नहीं रहा l बिना देयकों आदि के भुगतान के कैसे मृतक आश्रित का परिवार अपना भरण पोषण करेगा l और क्यों अभी तक मृतक आश्रित कोटे से मीनाक्षी को नौकरी नहीं दी गई सवाल बहुत हैं पर उत्तर नहीं विभाग के पास l आखिर कुमाऊँ में न्याय के लिए प्रसिद्ध आयुक्त दीपक रावत ने एस एसपी प्रहलाद नारायण मीना को फोन कर तुरन्त कारवाई करने और मामले को अवगत कराने के निर्देश दिये हैं l सोचने वाली बात यह है कि एक मीनाक्षी ही नहीं ऐसे कई मामले होंगे और आयेंगे तो क्या सिद्ध नहीं हुआ न्याय करने वाला विभाग अपने ही कर्मचारी को न्याय नहीं दिला पा रहा तो आमजनमानस का क्या,, चिराग तले अंधेरा,,

