

(मुद्दे विहीन राजनीति कर रहे है प्रत्याशी एक धर्म के नाम पर और एक पुराने कार्यों की कमियां गिना मांग रहे हैं वोट)











(योगेश पांडे)
हल्द्वानी नगर निगम चुनाव की जब से घोषणा हुई है तब से आज तक चर्चे तो बहुत हुए पर उन चर्चों में अपने मुख्य मद्दे कि जनता क्या चाहती से भटक गए हमने एक मुहिम उठाई है आज से कैसा हो हमारा महापौर इस मुहिम मे हम जो जनता कहेगी वह प्रत्याशी और शासन प्रशासन को बतायेंगे हमारा कोई हसत्क्षेप इन सब में नहीं होगा l कुछ बातें बतानी जरूरी है नगर हल्द्वानी कुमाऊँ का प्रवेश द्दार है और यहाँ को देख कर ही पुरे कुमाऊँ की छवि विदेशों से आये लोग बनाते है कुमाऊँ के बारे में तो यहाँ जो नगर का प्रथम नागरिक महापौर बने वह भी तो कुछ खास सोच और विचार वाला होना चाहिए l इस सन्दर्भ में जब जब हम लोहरिया साल तल्ला में गए तो नरोत्तम पांडे ने कहा क्या बतायेंगे आपको आप खुद देख लो किस तरह सड़कें खोद डाली नहर कवरिंग के नाम पर मुदा विहीन कर रहे हैं आपके प्रत्याशी एक धर्म के नाम पर वोट मांग रहा है और एक पुराने कार्यों की खामियां निकाल,, पूछो न आप मीडिया के लोग कि नया क्या करेंगे यह हिम्मत पुर निवासी मीना उप्रेती ने कहा क्या बताऊँ खाली भाषण बाजी है महिलाओं को यह दिया वह दिया हम सुरक्षित तक तो हैं नहीं हल्द्वानी में दूसरा हमारा मुख्य मुद्दा काठगोदाम से लेकर कठघरिया तक के क्षेत्रों में कितने सुलभ शौचालय हैं आप बताओ और क्यों नहीं बनवाये आज तक जिला पंचायत या नगर निगम ने एक आप बार हर प्रत्याशी से इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं आप समझ गए हम महिलाओं को परेशानी पर प्रत्याशी नहीं आप से ही एक महापौर प्रत्याशी ने सैकड़ों शौचालय की बात कही है l
कठघरिया निवासी प्रेम चन्द्र आर्य ने कहा साहब हमसे तो वोट की उम्मीद मत करना मेरा मन कर रहा है सब बेच बाच कर दिल्ली चला जाऊँ ऐसा क्यों पूछने पर वह कहते हैं आप बताइये आपने सड़को को चौड़ा करने के नाम पर भवन व दुकाने तो तोड़ दी और सड़क बना दी विकास हुआ अच्छा लगा पर यह बताओ कि क्या आप और हम चल सकते है उन सड़कों पर बनते ही तो अतिक्रमण हो गया एक तरफ कार बाइक पार्किंग हो गई दूसरी तरफ फल रेहड़ी वाले तीसरी तरफ आटो और एक जगह बाजपुर बस स्टेशन अब बताओ क्यों तोड़े मकांन् आपने इस अतिक्रमण के लिए कौन जिम्मेदार l दमुवाढुंगा निवासी रेखा वर्मा कहती हैं क्या करना है चुनाव से और क्या चाहिए महापौर हम तो नशेड़ियों से परेशान है सुबह उठो तो गालियों से स्वागत होता है शाम को घर आओ तो अकेले आने में डर लगता है हमारी परेशानी कौन देख रहा है पहले भी तो मेयर थे , अपना खाना अपना कमाना बस चुनाव तो अब होने ही नहीं चाहिए l छढ़ायाल निवासी हर प्रीत युवा कहते है हमारे और हमसे तो वोट कि उम्मीद मत रखना राजनीति का स्तर इतना गिर गया कि इनका नाम भी मत लेना आपने नहीं देखा क्या महापौर के टिकट से लेकर अब तक का ड्रामा, और छात्र संघ चुनाव नहीं करके हमें तो वैसे ही आधा कर दिया है,, बस मस्ती करेंगे उस दिन, l
तो यह है युवा बुजुर्ग, महिलाओं की मन की बात कैसा हो महापौर की चर्चा में l मीडिया से बहुत उम्मीद है लोंगों को l

