

(हमारी संस्कृति, हमारी विरासत)










(योगेश पांडे)
हमारी संस्कृति हमारी विरासत में आज ले चलते हैं आपको नैनीताल जनपद की स्यात् पट्टी की ओर l धार्मिक और अध्यात्मिकता के साथ चन्द शासन काल में सैन्य एवं शासन व्यवस्था वाले इस महत्व पूर्ण में रानी का कोट यानि किला होने एव्ं महिलाओं के लिए दरबार लगने के कारण पूर्व में समृद् गांव कहलाया रानी कोट l आज इस गांव को रानी कोटा कहा जाता है l इस गांव का इतिहास चन्द्र वंश के दौर से जुड़ा हुआ है l १८ वीं सदी के प्रारम्भ में कुमाऊँ के चन्द शासक राजा देवी चंद ने देवी पुरा किला बनाया l इसके साथ ही आस पास गांव भी बसाया l ग्राम प्रधान गोपाल सिंह बनकोटी बुजुर्गों से सुने किस्सों के अनुसार बताते हैं कि राजा देवी चंद देवीपुर में अदालत लगाते थे उनकी रानी निचले भाग में महिलाओं के लिए दरबार लगाती थी l यहाँ दाबका नदी के पार पहाड़ी के बीचों बीच रानी का कोट ( किला) भी था lप्रचलित कथाओं के आधार पर राजा देवी चन्द युद्द काल या शीत काल के दौरान यहीँ प्रवास करते थे उनके साथ रानी भी हुआ करती थी l देवीपुरा ई भूभाग होने से रानी महिलाओं के साथ विचार विमर्श करने के लिए अपने किले के निचले भूभाग में दरबार लगाती थी l बाद में धीरे धीरे यहाँ बसासत बड़ी और गांव को पहचान मिली रानी कोट जो अब रानी कोटा कहलाता है l इस गांव का आय का मुख्य साधन खेती है l

