

(इंतजार की घड़ी खत्म होने मात्र चौबीस घण्टे, किसकी भरेगी झोली और कौन जायेगा खाली)











( योगेश पांडे) /
हल्द्वानी नगर निगम चुनाव होने में कुल चौबीस घण्टे शेष रहे हैं और सबकी दिल की धड़कन बड़ने लगी है l भाजपा और कांग्रेस ने कम समय में ही सही पर प्रचार में कोई कमी नहीं छोड़ी l शक्ति प्रदर्शन भी किया गया रैली निकाल कर और आरोप प्रत्यारोप भी खूब लगाए एक दूसरे पर प्रत्याशीयों ने l लेकिन सब एक बात भूल गए जिस मतदाता को लुभाने को यह सब स्वांग रचा वह क्या चाह रहा है और क्या उसकी परेशानी l कहा यह गया कि प्रधान मन्त्री मोदी के हल्द्वानी के विकास को दिये बाइस सौ करोड़ रुपये कहीं गलत हाथों में न चले जाएं l और राम नाम का सहारा ज्यादा लिया गया इस प्रचार में l वहीं दूसरी तरफ से कहा आप अपने सर्टिफिकेट भी बक्से में रखते हैं आप वोट काम के नाम पर या अब क्या करेंगे इस पर वोट मांगिये तरह तरह की बातें इन सब बातों को लेकर हम जनता को बीच गए और दोनो प्रत्याशी यों की बात का कितना फर्क पड़ा मतदाता पर तो खास भाजपा के गढ़ लोहरिया साल तल्ला में एक बुजुर्ग रमेश शर्मा बोले आप मुझे एक बात बताइये कि बाइस सौ करोड़ रुपये गलत हाथों मे न जाए इसका मतलब समझाओ आप हम चकित रह गए यहाँ तो हम ही फंस रहे थे फिर वह बोले यह कैसे सिद्ध हो गया कि दूसरा गलत और आप ईमान दार है कोई सर्टिफिकेट है, रमेश ने कहा मतदाता अब कोई न समझ तो है नहीं सबके हाथों मे मोबाइल है और आप जैसे मीडिया कर्मी इधर कुछ हुआ और हमें पता चला आपके द्धारा बातें वही होनी चाहिये जो सही हों उनके द्धारा आज तक चौबीस सालों में किसी भी पार्टी ने उत्तराखंड के हित में कोई कार्य नहीं किया अगर किया होता तो आज पलायन से पहाड़ खाली नहीं होते यानी यह बात से मतदाता और चीड़ गया कि रुपये गलत हाथों में न जाए l अब हम जिस प्रकार की चर्चा है कि यह तो कांग्रेस के ही वोटर हैं वनभुलपुरा गए तो मोहमद अली न्यूबिं यूं बोले अ मा मियां हम तो पहले ही बदनाम हैं ।
अब हमारे पास क्या मिलेगा और जरा इनसे यह पूछो कि हमारे लिए ऐसा इन दोनो पार्टियों ने क्या करा जो हम इन्हे ही चाहें बदलाव चाहिए।
मियां कोई तीसरा दल लाइये तब हिंदू मुसलमान नहीं होगा न कोई फसाद होगा होगा केवल विकास होगा बताओ मूर्तियाँ हम बनाते हैं और पूजा तुम करते हो, बताशे हम बनाते हैं और चढ़ाते तुम हो फिर हम दोनो में कहाँ झगडा है ये लड़ा रहे हैं हमें और रोटी सेंक रहे हैं क्या आप हिंदू हिंदू कर रहे हो हिंदू होते तो अब तक बंगलादेश पहुँच गए होते l हम स्तब्ध और शांत हो गए अब कैसे अनुमान लगाएं कि कौन बैठेगा हल्द्वानी की महापौर की सीट पर हाथ या फूल,,,, मुश्किल यह है कि प्रचार और प्रसार में यह नेता भूल गए कि मतदाता क्या चाह रहा है l

