


(राष्ट्रीय खेल में धन की बर्बादी और उत्तराखंड में हो रहे खेल उत्तराखंड के खिलाड़ी बाहर)










(योगेश पांडे)
हल्द्वानी पहली बार हो रहे उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय खेल । इस बड़े प्रोग्राम देखने व दिखाने की होड़ में कुछ ऐसे निर्णय लिए गए हैं जो आम जनमानस और खुद प्रबंधन की गले की हड्डी साबित हुए।
धन की बर्बादी और कार्य में लापरवाही इस कदर हुई की जो लोग आ रहे हैं वह मजाक बना जा रहे हैं l पहली वह सबसे बड़ी गलती खेल विभाग को यह तक पता नहीं कि फुटबॉल मैच तरणताल में होंगे या मैदान में
फुटबॉल लीग मैच के लोगो में मानस खंड तरणताल गौलापार् हल्द्वानी दिखा रखा है l
उत्तराखंड खेल विभाग का यह शर्मनाक खेल समूचे उत्तराखण्ड बदनामी कर रहा है कि यहाँ कार्य किस प्रकार से किया जाता है l
दूसरा खिलाडियों के पहनने के लिए जो ट्रैक सूट आये हैं वह एक तो जरूरत से ज्यादा खरीदे गए l
दूसरा क्वालिटि इतनी घटिया की कोई भी इन्हे लेने को तैयार नहीं है l इस कदर ट्रैक सूट एक कोने में पड़े हैं जैसे धन लुटाने का मन खेल विभाग ने पहले ही बना रखा हो l
तीसरा सबसे बड़ा मजाक उन खिलाड़ीयों के साथ जिनसे जैसे खेल विभाग ने मजाक किया हो इसमें भ्रष्टाचार खुलेआम नजर आता है l एक स्टेट लेबल खेले युवा खिलाड़ी आकाश तोमर ने बताया कि खेल विभाग द्धारा एक सूचना जारी होती है कि 14 अक्टुबर कब्बडी के लिए ट्रायल होना है l उत्तराखण्ड के वह तमाम युवा जो कब्बडी प्रेमी होते हैं वह ट्रायल देने आते हैं उसमें से तीस खिलाड़ीयों का चयन होता हैं और उन तीस खिलाड़ीयों को दो माह का खेल विभाग द्धारा प्रशिक्षण दिया जाता है l फिर उनमें से 12 खिलाडियों का चयन होता है l लेकिन बाद में उत्तराखण्ड के केवल छह खिलाड़ीयों को चुना जाता है बांकी छह खिलाड़ी अन्य राज्य झारखण्ड, हरियाणा आदि से चुने जाते हैं और उन छह चुने गए खिलाड़ीयों को खेल विभाग द्धारा कोई प्रशिक्षण इत्यादि नही दिया जाना और उत्तराखंड के घर घर से कब्बडी के शौकीन और दमदार खिलाडियों को छोड़ बाहर के खिलाड़ी वह भी बिना प्रशिक्षण के खेल विभाग के भ्रस्टाचार और खेल में की अधिकारीयों की मनमानी को दर्शाता है l इतना ही नहीं आकाश तोमर ने बताया कि जब हमने शिकायत इस मनमानी को लेकर करने की बात कही और शिकायत करी तो खेल विभाग के अधिकारियों ने हमे धमकाया कि तुम्हारी शिकायतों से हमारा कुछ नहीं बिगड़ने वाला उल्टा तुम्हारे भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लग जायेगा l आकाश तोमर ने कहा यदि समय रहते सब ठीक नहीं हुआ तो हम आगे तक इस मामले को ले जायेंगे l खेल मन्त्री से भी वे इस बाबत शिकायत कर चुके हैं लेकिन उनके तरफ से भी अपने विभाग पर कोई कारवाई नहीं करी गई l कुछ और बहुत सी बातें है जो प्रश्न चिन्ह बनी हुई हैं खेल विभाग द्धारा जारी प्रेस पास उन्हें जारी किये गए जो इस समय कहीं चलन में हैं ही नहीं और कुछ दैनिक समाचार के संवावदाता जो खेल की खबरों को प्रति दिन प्रकाशित करवाते उन्हें अभी तक पास नहीं दिये गए पहले आंन लाइन उनसे नाम वगैरह भरवाए गए फिर साफ्टवेयर खराब होने का बहाना बना कर मैनवल आई कार्ड जारी करने की बात की गई जो अब तक नहीं दिये गए जबकि खेल खत्म होने जा रहे हैं l यह भी इस बात को जाहिर करता है कि खेल विभाग भी चाहता है कि हमारी मनमानी वास्तविक मीडिया के सामने न आये यह भी उसके नीयत पर प्रश्न चिन्ह है l जबकि उन पत्रकारों को सूचना विभाग से नाम लेकर पहले ही पास जारी कर देने चाहिए थे ताकि वह सही व निष्पक्षता से खेल की खबरें लोगों तक पहुंचाए l

