


(योगेश पांडे)










हल्द्वानी रानीबाग स्थित गार्गी( माता) नदी की एक प्रसिद्ध पौराणिक कथा है, जो देवी गार्गी की महिमा और शक्ति को दर्शाती है। यह कथा इस प्रकार है: l
*गार्गी माता की उत्पत्ति*
गार्गी माता की उत्पत्ति ऋषि गार्ग के आश्रम में हुई थी। ऋषि गार्ग एक महान ऋषि थे, जिन्होंने देवी दुर्गा की आराधना की थी। देवी दुर्गा ने ऋषि गार्ग की भक्ति से प्रसन्न होकर उनके आश्रम में एक कन्या के रूप में अवतरित हुईं। इस कन्या का नाम गार्गी रखा गया।
*गार्गी माता की शक्ति*
गार्गी माता की शक्ति और महिमा के बारे में कई कथाएं प्रचलित हैं। एक कथा के अनुसार, गार्गी माता ने एक बार एक शक्तिशाली राक्षस को पराजित किया था, जो रानीबाग के आसपास के क्षेत्र में आतंक मचा रहा था। गार्गी माता ने अपनी शक्ति से राक्षस को पराजित किया और उसे रानीबाग में ही समाप्त कर दिया।*गार्गी माता की पूजा*गार्गी माता की पूजा रानीबाग में एक प्रसिद्ध मंदिर में की जाती है। इस मंदिर में गार्गी माता की एक सुंदर मूर्ति स्थापित है, जो उनकी शक्ति और महिमा को दर्शाती है। भक्तगण इस मंदिर में आकर गार्गी माता की पूजा करते हैं और उनकी कृपा की प्रार्थना करते हैं।
*गार्गी माता के आशीर्वाद*
गार्गी माता के आशीर्वाद से भक्तगणों को कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। उनकी पूजा से भक्तगणों को शक्ति, साहस, और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। इसके अलावा, गार्गी माता की पूजा से भक्तगणों को अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन भी देखने को मिलते हैं।
*निष्कर्ष*
गार्गी माता रानीबाग की कथा एक प्रसिद्ध पौराणिक कथा है, जो देवी गार्गी की महिमा और शक्ति को दर्शाती है। गार्गी माता की पूजा रानीबाग में एक प्रसिद्ध मंदिर में की जाती है, जहां भक्तगण आकर उनकी पूजा करते हैं और उनकी कृपा की प्रार्थना करते हैं।

