


( काठगोदाम में टू – लेन ब्रिज ही समस्या का स्थाई हल,, बनाई गई दो योजनाएं पूरी एक भी नही हुई जनता का दर्द जाम से जूझते हैं हम)










(योगेश पांडे)
उत्तराखंड को बने चौबीस साल पूरे हो गए हैं पर आज भी ऐसी कई योजनाएं जो उत्तर प्रदेश के समय से चली आ रही थी पूर्ण नही हुई l अब इसे राजनीतिक उदासिनता समझें या जनता जनार्दन का जागरूक न होना l पहले से ही यह कवायद चली आ रही थी यदि काठगोदाम में टू – लेन का पुल होता तो जाम की समस्या आधी खत्म हो जाती l लेकिन एक और योजना सामने आने से कल्सिया में पुल निर्माण का कार्य खटाई में पड़ फाइलों में बन्द हो गया l अभी कलसिया पुल के बैली ब्रिज के नट बोल्ड कसने से इन दिनों सम्पूर्ण दवाब पुराने सिंगल लेन पुल पर है l जिस वहज से पूरी कुमाऊँ की ट्रैफ़िक व्यवस्था चरमरा गई और पुलिस को दिन रात मशक़्क़त करनी पड़ रही है l काठगोदाम में स्थित इकलौते सिंगल पुल पर यातायात का दवाब बहुत ज्यादा बड़ने पर लोनिवि के एनएच खण्ड ने तीन साल पहले पुराने पुल के ठीक सामने कल्सिया नाले पर बैली ब्रिज बनवाया था l इस पुल के बन जाने से उपर से आने व नीचे से जाने वाले वाहन अलग अलग गुजर रहे थे l लोनिवि ने दो साल पहले बैली ब्रिज के स्थान पर स्थाई पुल बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा था इस प्रस्ताव को मन्जुरी मिलती या न मिलती केंद्र सरकार ने काठगोदाम से नैनीताल तक टू लेन बनाने के लिए सात सौ करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिये l योजना के अनुसार काठगोदाम से नैनीताल तक सभी पुलों को भी टू लेन करने का प्रावधान था l केन्द्र की टू लेन योजना के कारण लोनिवि के एनएच खंड का प्रस्ताव भी रद्द हो गया l और टू लेन योजना वन अधिनियम में फंस गई l यानी धनिया के तीन पात ही रहे l इधर काठगोदाम स्थित कल्सिया नाले पता बनाये गए बैली ब्रिज के नट बोल्ड चोरी की शिकायत लोनिवि एन एच खण्ड के अधिकारियों ने अब अज्ञात के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी है। पुल के नट चोरी होने की खबर सुनकर आयुक्त दीपक रावत ने पुल का निरीक्षण किया जब उन्होंने अधिकारियों से चोरी की एफआईआर लिखाने को कहा तब एन एच खंड के अधिशासी अभियंता प्रवीन कुमार ने चोरी का मुकदमा दर्ज कराया। इतने बड़े मामले में हालांकि मामला नट बोल्ड चोरी का ही था पर सुरक्षा की दृष्टि से बहुत बड़ा इस प्रकार की एफ आई आर लिखाने में देरी व बिना बड़े अधिकारी की अनुमति लिए बिना कुछ प्रयास न करना लोनिवि के कार्य के प्रति लापरवाही व चोरों के प्रति हमदर्दी को जताता है होना यह चाहिए था कि तुरन्त तहरीर देकर अपराधी को सलाखों के पीछे करना चाहिए था l यह भी जानना कि उसकी इन सबको करने में मंशा क्या थी l पर ऐसा कुछ नही किया l यानी अपराधी के हौसले बुलन्द किये जा रहे हैं l

