


(उनके द्धारा प्रतिलिपि प्रधान न्यायाधीश उच्च न्यायालय /उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भी भेजी गई और आम जनमानस से करी पत्र को शेयर करने की अपील)










(योगेश पांडे)
{भारत के प्रधान न्यायाधीश जी और राष्ट्रपति जी/उत्तराखंड हाई कोर्ट के माननीय मुख्य न्यायाधीश जी के नाम खुला पत्र/ याचिका}
सेवा में
1-
महामहिम राष्ट्रपति महोदय
भारत गणराज्य
(राष्ट्रपति भवन)
(नई दिल्ली)
2-
मा0मुख्य न्यायाधीश महो०
माननीय सुप्रीम कोर्ट(नई दिल्ली)
3-
मा0 मुख्य न्यायाधीश महो0
माननीय उत्तराखंड हाई कोर्ट
(नैनीताल)
महोदय
खुला पत्र प्रेषित करने का कारण यह है कि माननीय दिल्ली हाई कोर्ट के मा0 न्यायाधीश महोदय के घर में 15 करोड़ की धनराशि मिलने की खबर समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई है । इस घटना से समूचे भारत में भारत की न्यायपालिका के विरुद्ध एक गलत संदेश गया है
भारत सरकार के कानून के तहत 02 लाख रुपए की धनराशि ही कोई अपने घर में रख सकता है ??ऐसे में माननीय दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश के घर में 15 करोड़ की धनराशि मिलन एक गंभीर मामला है ।
महोदय इस घटना से संपूर्ण न्यायपालिका की छवि भी धूमिल हुई है-क्योंकि एक हाई कोर्ट के न्यायाधीश के पास इतनी बड़ी रकम कहां से आई??? यह काफी गंभीर मामला भी है
कहावत भी है कि एक मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है-इसलिए न्यायपालिका रूपी पवित्र तालाब की पूर्ण सफाई किया जाना वर्तमान परिपेक्ष में आवश्यक है ताकि भारत की जनता के समक्ष अच्छा संदेश जाए और न्यायपालिका पर आम जनता का विश्वास टीका रहे ।
इसलिए वर्तमान घटनाक्रम में भारत गणराज्य के संपूर्ण न्यायाधीशों / विभिन्न हाई कोर्ट में तैनात सरकारी एडवोकेटों की और उनके परिवार की चल/ अचल संपत्ति की निष्पक्ष सीबीआई से जांच/ या माननीय सुप्रीम कोर्ट की कमेटी की निगरानी में निष्पक्ष जांच कराया जाना कराया जाना आवश्यक है—
ताकि न्यायपालिका से जुड़े जिन- 02लोगों ने गलत तरीके से धन अर्जित किया है?? और संपत्ति अर्जित की है?? उनके विरुद्ध कार्रवाई हो सके और जनता में एक अच्छा संदेश जा सके और न्यायपालिका का कोई दुरुपयोग ना कर सके
अतः मेरा जनहित और लोकहित में यह याचिका प्रस्तुत करते हुए अनुरोध है कि —
A– न्यायपालिका के सभी न्यायाधीशों चाहे वह किसी भी न्यायालय में कार्य कर रहे हो इनके और उनके परिवार की संपूर्ण चल/ अचल संपत्ति की जांच कराई जाए ।
अगर गलत तरीके से संपत्ति अर्जित की है तो ऐसे लोगों की संपत्ति जप्त करके इनको न्यायाधीशों के पदों से बर्खास्त किया जाए
B- विभिन्न हाई कोर्ट में कार्यरत राज्य सरकार के अधिवक्ताओ की भी चल अचल संपत्ति की जांच कराई जाए- जिन सरकारी अधिवक्ताओं ने गलत तरीके से संपत्ति अर्जित की है इनकी संपत्ति जप्त की जाए
C- न्यायपालिका के सभी अधिकारियों और कर्मचारी और सभी न्यायाधीशों को और सरकारी अधिवक्ताओं को आदेश दिया जाए की वह अपने और अपने परिवार की चल /अचल चल संपत्ति को प्रतिवर्ष सार्वजनिक रूप से समाचार पत्रों में प्रकाशित करें ताकि आम जनता को भी इनकी चल अचल/संपत्ति की सूचना की जानकारी हो सके ।
जिन लोगों ने गलत तरीके से संपत्ति अर्जित की है इनके विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए
आशा है कि इस मामले में अवश्य न्यायोचित निर्णय/ आदेश पारित किए जाएंगे ताकि न्यायपालिका की गरिमा बरकरार रह सके ।
निवेदक
दिनेश थुवाल
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी
(जनपद नैनीताल)
निवास —
ग्राम — नजीबाबाद
पोस्ट ऑफिस — सूर्य नगर
तहसील— किच्छा
जिला — उधम सिंह नगर
उत्तराखंड
भारत गणराज्य
(भारत के गणमान्य जागरूक नागरिकों से निवेदन है कि——-अनुरोध कृपया इस याचिका को अधिक से अधिक शेयर करें
ताकि यह याचिका जनहित याचिका के रूप में माननीय उत्तराखंड उच्च न्यायालय और माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा पंजीकृत की जा सके—–
( माननीय मुख्य न्यायाधीश महोदय सुप्रीम कोर्ट और माननीय मुख्य न्यायाधीश महोदय उत्तराखंड उच्च न्यायालय नैनीताल और महामहिम राष्ट्रपति महोदय भारत गणराज्य इस याचिका को जनहित याचिका के रूप में दर्ज करके एक ऐतिहासिक निर्णय पारित कर सके

