


(योगेश पांडे)










पंचम नवरात्रि में माता स्कंदमाता की पूजा की जाती है। माता स्कंदमाता देवी दुर्गा के नौ रूपों में से पांचवां रूप हैं। उनकी पूजा करने से भक्तों को सुख, समृद्धि और संतान की प्राप्ति होती है।
माता स्कंदमाता की पूजा करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन किया जा सकता है:
पूजा विधि
- स्नान और पूजा: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और माता स्कंदमाता की पूजा करें।
- मंत्र जाप: माता स्कंदमाता के मंत्र “ॐ स्कंदमातायै नमः” का जाप करें।
- फूल और फल चढ़ाना: माता स्कंदमाता को फूल और फल चढ़ाएं।
- आरती: माता स्कंदमाता की आरती करें।
- भोग लगाना: माता स्कंदमाता को भोग लगाएं।
- दान करना: माता स्कंदमाता की पूजा के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।
पूजा के लाभ
माता स्कंदमाता की पूजा करने से भक्तों को निम्नलिखित लाभ होते हैं:
- सुख और समृद्धि की प्राप्ति
- संतान की प्राप्ति
- दुखों और कठिनाइयों का निवारण
- आध्यात्मिक ज्ञान और शक्ति की प्राप्ति
पूजा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
माता स्कंदमाता की पूजा करने के दौरान निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- पूजा करने से पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- पूजा के दौरान शुद्ध और सकारात्मक विचारों को अपनाएं।
- पूजा के दौरान माता स्कंदमाता के मंत्र का जाप करें।
- पूजा के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।

