


(योगेश पांडे)










अष्टम नवरात्रि पर महा गौरी की पूजा की जाती है। महा गौरी देवी दुर्गा के नौ रूपों में से आठवां रूप हैं। उनकी पूजा करने से भक्तों को शुद्धता, पवित्रता, और आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है।
महा गौरी की पूजा करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन किया जा सकता है:
पूजा विधि
- स्नान और पूजा: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और महा गौरी की पूजा करें।
- मंत्र जाप: महा गौरी के मंत्र “ॐ महागौर्यै नमः” का जाप करें।
- फूल और फल चढ़ाना: महा गौरी को फूल और फल चढ़ाएं।
- आरती: महा गौरी की आरती करें।
- भोग लगाना: महा गौरी को भोग लगाएं।
- दान करना: महा गौरी की पूजा के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।
पूजा के लाभ
महा गौरी की पूजा करने से भक्तों को निम्नलिखित लाभ होते हैं:
- शुद्धता और पवित्रता की प्राप्ति
- आध्यात्मिक ज्ञान और शक्ति की प्राप्ति
- दुखों और कठिनाइयों का निवारण
- सुख और समृद्धि की प्राप्ति
पूजा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
महा गौरी की पूजा करने के दौरान निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- पूजा करने से पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- पूजा के दौरान शुद्ध और सकारात्मक विचारों को अपनाएं।
- पूजा के दौरान महा गौरी के मंत्र का जाप करें।
- पूजा के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।

