


(योगेश पांडे)










बैसाखी एक प्रमुख सिख त्योहार है, लेकिन हिन्दू धर्म में भी इसका महत्व है। हिन्दू धर्म में बैसाखी को वैशाखी के नाम से जाना जाता है, और इसे नए साल की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है।
वैशाखी का महत्व
- नए साल की शुरुआत: वैशाखी हिन्दू नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है।
- सूर्य का वृषभ राशि में प्रवेश: वैशाखी के दिन सूर्य वृषभ राशि में प्रवेश करता है।
- फसल कटाई का जश्न: वैशाखी फसल कटाई के मौसम की शुरुआत का भी प्रतीक है।
वैशाखी कैसे मनाएं
वैशाखी के दिन हिन्दू समुदाय के लोग निम्नलिखित गतिविधियों में भाग लेते हैं:
- पूजा और आरती: हिन्दू समुदाय के लोग मंदिरों में जाकर पूजा और आरती करते हैं।
- नदी स्नान: लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं।
- दान: लोग गरीबों और जरूरतमंदों को दान देते हैं।
- फसल कटाई का जश्न: लोग फसल कटाई का जश्न मनाते हैं।
वैशाखी का महत्व और संदेश
वैशाखी का महत्व और संदेश निम्नलिखित है:
- नए साल की शुरुआत का जश्न
- फसल कटाई का जश्न
- पवित्र नदियों में स्नान का महत्व
- दान और सेवा का महत्व
हिन्दू धर्म में वैशाखी का महत्व
हिन्दू धर्म में वैशाखी का महत्व निम्नलिखित है:
- यह नए साल की शुरुआत का प्रतीक है।
- यह फसल कटाई के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है।
- यह पवित्र नदियों में स्नान का महत्व दर्शाता है।
- यह दान और सेवा का महत्व दर्शाता है।

