


(योगेश पांडे)










lविशु संक्रांति एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो मुख्य रूप से केरल में मनाया जाता है। यह त्योहार हिंदू नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है और इसे मलयाली नव वर्ष के रूप में भी जाना जाता है।
विशु संक्रांति का महत्व
विशु संक्रांति का महत्व निम्नलिखित है:
- नए साल की शुरुआत: विशु संक्रांति हिंदू नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है।
- फसल कटाई का जश्न: विशु संक्रांति फसल कटाई के मौसम की शुरुआत का भी प्रतीक है।
- आशा और नई शुरुआत: विशु संक्रांति आशा और नई शुरुआत का प्रतीक है।
विशु संक्रांति कैसे मनाएं
विशु संक्रांति के दिन लोग निम्नलिखित गतिविधियों में भाग लेते हैं:
- विशु कानी: लोग विशु कानी के दर्शन करते हैं, जिसमें भगवान विष्णु और लक्ष्मी की मूर्तियाँ, फल, फूल और अन्य सजावटी वस्तुएँ शामिल होती हैं।
- पूजा और आरती: लोग मंदिरों में जाकर पूजा और आरती करते हैं।
- विशु साद्या: लोग विशु साद्या का आयोजन करते हैं, जिसमें पारंपरिक मलयाली व्यंजन शामिल होते हैं।
- फटाके और आतिशबाजी: लोग फटाके और आतिशबाजी का आनंद लेते हैं।
विशु संक्रांति का महत्व और संदेश
विशु संक्रांति का महत्व और संदेश निम्नलिखित है:
- नए साल की शुरुआत का जश्न
- फसल कटाई का जश्न
- आशा और नई शुरुआत का प्रतीक
- पारंपरिक और सांस्कृतिक मूल्यों का सम्मान
केरल में विशु संक्रांति का महत्व
केरल में विशु संक्रांति का महत्व निम्नलिखित है:
- यह मलयाली नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है।
- यह फसल कटाई के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है।
- यह पारंपरिक और सांस्कृतिक मूल्यों का सम्मान दर्शाता है।

