


(योगेश पांडे)










आज हिमालय स्वराज सेवा समिति द्वारा आयोजित श्री बालकनाथ मंदिर ऊँचापुल में सप्तम दिवस की श्रीमद्भागवत कथा के दिवस पर श्रीमद्भागवत कथा में व्यास गिरीशानंद जोशी द्वारा कहा गया कि यदि ईश्वर मृत्यु नहीं बनाते तो आज इंसान कुछ और होता जब पता है हमको मरना है यह जानकर भी जब वह उतने पाप कर बैठते है सोचो अगर नहीं मृत्यु बनाते तो आज क्या होता l हमारी भक्ति केवल आडंबर नहीं सच्ची होनी चाहिए,l भगवान का स्मरण शब्दों से नहीं अपितु दिल से होनी चाहिए l आज का मनुष्य भागवत कथा में तो आता है पर युग मोबाइल का है, हर व्यक्ति मोबाइल में मस्त है lअरे किसको दिखाओगे यह मोबाइल आप पहले भी अधूरे थे पूजा पाठ और कथा में आकर भी इस मोबाइल के कारण अधूरे हो lभगवान यदि शब्दों से खुश या प्रसन्न होते तो गूंगे उन्हें कैसे पुकारेंगे l भक्ति बिन विश्वाश के नहीं मिलती न भगवान , भगवान को पाने का कोई मंत्र नहीं है केवल श्रद्धा और विश्वास है lडिमांड मांग संसार से करो पर भगवान से नही क्योंकि केवल एक वही तो है जो आपके बारे में सब जानते हैं l संसार के लोग नहीं lव्यास गिरीशानंद शास्त्री ने कहा, बच्चों के भगवान माता _पिता, माता पिता के भगवान गुरु, और गुरु के भगवान साक्षात् परमपिता l इस क्रम में हर इंसान यदि चलेगा तो अपने और अपने देश काल पूर्वज का उद्धार कर सकता है l जो केवल भगवान का ही सब माने और जाने वही सच्चा भक्त है कोई संत या व्यास पंडित नहीं न कोई योगी lव्यास गिरीशानंद शास्त्री ने आज के युग को पूजा का एक ही मंत्र बताया ,,धन्यवाद,,l उन्होंने कहा चाहे मंत्र आए न आए बस पूजा के बाद भगवान का धन्यवाद जरूर कहें l केवल श्रीमान नारायण नारायण को ही उद्धार का मंत्र बताया lलेकिन तब जब दिल से और निष्काम भाव से पुकारा जाएगा lआज पूजन कार्य पंडित हेम सत्यबली, मनोज जोशी, पंकज पंत, रूपेश जोशी आदि विद्वानों द्वारा संपन्न करायी गई lसमिति कि ओर से कार्यकारी अध्यक्ष ममता रूवाली, कोषाध्यक्ष हेम पंत, मीडिया प्रभारी हर्ष वर्द्धन पांडे,,ट्र्स्ट के सलाहकार प्रकाश जोशी ,पारस रूवाली, भरत गुणवंत सहित बाबा बालकनाथ मंदिर कमेटी के पदाधिकारी और ऊँचापुल के भागवत प्रेमीजन उपस्थित रहे। यजमान रूप में मुख्य रूप से रेवाधर पाठक स्वप्तनिक, कमल जोशी स्वप्तनिक पूरन जोशी स्वप्तनिक, दया कृष्ण जोशी स्वप्तनिक , गणेश मेलकानी स्वपतनिक रहे l

