


SSP नैनीताल की सिफारिश को सचिवालय में बैठे अधिकारियों ने दबाया**माध्यमिक शिक्षा निदेशक उत्तराखंड मुकुल कुमार सती पर धोखाधड़ी से नौकरी करने के गंभीर आरोप*शिक्षा विभाग ने इस हाई प्रोफाइल मामले को दबाने की कार्रवाई की#महानिदेशक (विद्यालय शिक्षा) ने सचिव माध्यमिक शिक्षा को कार्रवाई हेतु पत्र प्रेषित किया#(शिकायतकर्ताओं ने कहा कि अगर शिकायत गलत है तो राज्य सरकार उनके विरुद्ध कार्रवाई करें)(भास्कर चंद्र)देहरादून/हल्द्वानी* उत्तराखंड में विजिलेंस द्वारा भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए तीन साल में लगभग 150 सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों को घूसखोरी के आरोप में रंगे हाथ गिरफ्तार करते हुए जेल भेजा जा चुका है ।वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में (सारे सबूत होने के बाद भी मुकुल कुमार सती नामक जालसाज को ) उत्तराखंड राज्य के शिक्षा निदेशक माध्यमिक शिक्षा उत्तराखंड के पद पर तैनात कर दिया गया है ।










उल्लेखनीय है कि 2019 में कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के सीनेटर हुकम सिंह कुंवर की शिकायत के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा पुलिस मुख्यालय को मुकुल कुमार सती के मामले में जांच के निर्देश दिए गए थे । पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल द्वारा कराई गई जांच के पश्चात दिनांक 31 जनवरी 2019 को पुलिस मुख्यालय के माध्यम से उत्तराखंड शासन को प्रेषित जांच रिपोर्ट में( जनपद नैनीताल पुलिस ) द्वारा यह स्पष्ट किया गया कि ” मुकुल कुमार सती के द्वारा वर्ष 1989 / 90 में हल्द्वानी के हरिदत्त नित्यानंद इंटर कॉलेज(हल्द्वानी) नैनीताल में नौकरी करते हुए हल्द्वानी से लगभग 100 किलोमीटर दूर अल्मोड़ा कॉलेज में B.ed पाठ्यक्रम में संस्थागत छात्र के रूप में प्रवेश लेकर (आश्चर्य जनक तरीके से नौकरी करते हुए) B.Ed की पाठ्यक्रम की संस्थागत डिग्री हासिल की है । और इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल द्वारा जांच कराए जाने की सिफारिश की गई ।शिक्षा महानिदेशक (विद्यालय शिक्षा) उत्तराखंड द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल की जांच रिपोर्ट को सचिव माध्यमिक शिक्षा उत्तराखंड शासन को प्रेषित करते हुए अग्रतर करवाई करने की सिफारिश की गई । सचिव (गृह विभाग) उत्तराखंड शासन द्वारा भी इस मामले में सचिव माध्यमिक शिक्षा उत्तराखंड को कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।लेकिन माध्यमिक शिक्षा विभाग उत्तराखंड शासन के अधिकारियों द्वारा धोखाधड़ी और जालसाजी से नौकरी करने वाले व्यक्ति मुकुल कुमार सती के विरुद्ध जांच करना तो दूर कार्रवाई करने से ही इनकार कर दिया और उत्तराखंड राज्य के शिक्षा निदेशक माध्यमिक शिक्षा पद पर मुकुल कुमार सती की तैनाती दे दी गई ।
इधर हल्द्वानी के राज्य आंदोलनकारी द्वारा मुकुल कुमार सती के प्रकरण को दबाने के मामले में उत्तराखंड राज्य के शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत पर गंभीर आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री तथा गृह मंत्री भारत सरकार और भाजपा हाईकमान को पत्र प्रेषित किया है और कार्रवाई की मांग की है ।उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी दिनेश थुवाल और अन्य राज्य आंदोलनकारी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र प्रेषित करके कहा है कि नोटरी द्वारा सत्यापित शपथ पत्र के माध्यम से मुकुल कुमार सती शिकायत करने के प्रकरण पर तत्काल विजिलेंस से जांच कराई जाए और अगर शिकायत गलत है तो शपथ पत्र के माध्यम से शिकायत करने वाले लोगों को जेल भेजा जाए ।गौरतलब है कि मुकुल कुमार सती द्वारा हल्द्वानी में नौकरी करते हुए 100 किलोमीटर दूर अल्मोड़ा कॉलेज में B.Ed पाठ्यक्रम की पढ़ाई करना और नौकरी करते हुए B.ed की डिग्री हासिल करना किसी भी दशा में संभव नहीं है । शिकायतकर्ताओं ने कहा कि मुकुल कुमार सती ने यह कार्य फर्जीवाड़ा करते हुए प्रोक्सी के माध्यम से किया गया है । जनपद नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा भी मुकुल कुमार सती के द्वारा नौकरी करते हुए B.Ed की सस्ता का डिग्री हासिल करने के मामले की गंभीरता को देखते हुए 31 जनवरी 2019 को राज्य सरकार को जांच की सिफारिश की गई है लेकिन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल की जांच रिपोर्ट 31 जनवरी 2019 को उत्तराखंड सचिवालय में बैठे अधिकारियों द्वारा दबाने की कार्रवाई करते हुए कुमार सती को उत्तराखंड राज्य का शिक्षा निदेशक माध्यमिक शिक्षा का पदभार भी दे दिया है । और लगभग 10 माह बाद मुकुल कुमार सती रिटायर होने वाले हैं l उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा जहां एक और सार्वजनिक रूप से यह कहा जा रहा है कि “भ्रष्टाचारी अगर कितना ही बड़ा क्यों ना हो– उसके विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई होगी”लेकिन उत्तराखंड राज्य के शिक्षा विभाग में शिक्षा निदेशक माध्यमिक शिक्षा के पद पर नौकरी कर रहे व्यक्ति मुकुल कुमार सती के विरुद्ध जालसाजी और धोखाधड़ी के सबूत होने के बाद भी अभी तक विजिलेंस अथवा SIT से जांच कराने क्या आदेश उत्तराखंड सरकार नहीं कर रही है । और उत्तराखंड राज्य में सचिवालय में बैठे कुछ लोगों के संरक्षण के कारण मुकुल कुमार सती उत्तराखंड राज्य में धोखाधड़ी से नौकरी कर रहा है । उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारीयो ने प्रधानमंत्री गृह मंत्री और भाजपा हाई कमान को पत्र प्रेषित करके मुकुल कुमार सती के मामले को दबाने और संरक्षण देने के मामले में उत्तराखंड राज्य के शिक्षा मंत्री को बर्खास्त किए जाने और इस मामले की जांच CBI से कराय जाने की मांग की गई है ।आखिर मुकुल कुमार सती को उत्तराखंड सरकार क्यों बचा रही है और आज तक इस गंभीर मामले की जांच विजिलेंस अथवा SIT से नहीं करना उत्तराखंड राज्य के शिक्षा विभाग और आम जनता में चर्चा का विषय बना है ।

