


(मामूली बारिश में सड़के बनी तालाब और नहरें उफान पर)









*अब तक हुए हादसों से क्यों नहीं लिया सबक आधी नहरें कवर और आधी जानलेवा नहरें खुली “
जिम्मेदार कौन?
(योगेश पांडे)
हल्द्वानी कल की मामूली बारिश और सड़के बनी तालाब नहरें का रौद्र रूप और चार जिंदगी काल के मुंह पर कुछ अस्पताल में भर्ती। रेस्क्यू टीम लगातार बहाव में बह गए लोगों की तलाश में।
किस बात की और इशारा कर रही हैं ये दुर्घटनाएं। जबकि प्रदेश के मुखिया का सख्त आदेश कि बरसात से पूर्व सब व्यवस्थित कर लिया जाए ताकि कोई अनहोनी घटना न हो।
और प्रशासन का लगातार मीडिया को बयान जारी करना कि बरसात से पूर्व सब ठीक कर लिया जाएगा।
दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण खुली और जानलेवा नहरें जिनकी स्थिति भी ठीक नही एफटीआई से तीन पानी बाईपास सड़क पर बहने वाली नहर तो रात के वक्त नजर ही नहीं आती कि यहां भर भी है। उनको जानवर और राहगीर इस नहर की वजह से काल के गाल में और कई चोटिल हो अपना अंग भंग करवा चुके हैं।
क्या कारण है जो अभी तक कुछ नहरें कवर कर कुछ छोड़ दी गई जब बातचीत की तो समाधान और उपाय इस प्रकार सामने आए:
हल्द्वानी में नहरें कवर नहीं करने के पीछे कई कारण हो सकते हैं
- पुरानी बुनियादी ढांचा: हल्द्वानी में कई नहरें पुरानी हैं और उनका ढांचा समय के साथ नहीं बदला गया है।
- अनदेखी और रखरखाव की कमी: नहरों की सफाई और रखरखाव के अभाव में वे खुली रह गई होंगी।
- संसाधनों की कमी: नहरों को कवर करने के लिए आवश्यक संसाधनों की कमी हो सकती है।
- प्रशासनिक लापरवाही: प्रशासन की लापरवाही के कारण नहरों को कवर नहीं किया गया होगा।
परिणाम:
- दुर्घटनाएं: खुली नहरें दुर्घटनाओं का कारण बन सकती हैं।
- जानलेवा: कुछ नहरें अति जानलेवा साबित हो सकती हैं।
समाधान:
- नहरों को कवर करना: नहरों को कवर करने से दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है।
- सुरक्षा उपाय: नहरों के आसपास सुरक्षा उपाय जैसे कि रेलिंग और चेतावनी संकेत लगाए जा सकते हैं।
- नियमित रखरखाव: नहरों की नियमित सफाई और रखरखाव से उन्हें सुरक्षित बनाया जा सकता है।
हल्द्वानी में नहरों की सुरक्षा और रखरखाव के लिए प्रशासन और स्थानीय लोगों को मिलकर काम करना होगा।
“तो अब भी आप किसी बड़ी घटना का करेंगे इंतजार *
