

(योगेश पांडे)










देहरादून: उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणामों के शुरुआती रुझानों में भाजपा समर्थित प्रत्याशियों को स्पष्ट बढ़त मिलती दिख रही है। प्रदेश के 89 विकासखंडों की 10,915 सीटों पर कुल 34,151 प्रत्याशियों ने नामांकन किया था। शुरुआती मतगणना में अधिकांश जिला पंचायत सीटों पर भाजपा समर्थित उम्मीदवारों को बढ़त हासिल होती दिखाई दे रही है। हरिद्वार जनपद को छोड़कर बाकी क्षेत्रों में यह रुझान विशेष रूप से मजबूत नजर आ रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह रुझान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व और राज्य सरकार की नीतियों में जनता के विश्वास को दर्शाता है। धामी सरकार द्वारा चलाई गई जनकल्याणकारी योजनाओं और विकास कार्यों का असर अब पंचायत स्तर पर भी स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार की योजनाओं की पहुँच और निष्पादन की गति ने सत्तारूढ़ दल के प्रति सकारात्मक माहौल बनाया है। खासकर सुशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही के मुद्दों पर मतदाताओं ने सक्रियता दिखाई है। इससे यह भी संकेत मिलते हैं कि जनता अब जातिगत और भावनात्मक मुद्दों से आगे बढ़कर विकास और स्थिरता को प्राथमिकता दे रही है।
चुनाव विशेषज्ञों के अनुसार, यह प्रदर्शन भाजपा के लिए न सिर्फ राजनीतिक मजबूती का संकेत है, बल्कि मुख्यमंत्री धामी के प्रति जनविश्वास की पुष्टि भी करता है। भाजपा की यह बढ़त बताती है कि राज्य में उसकी जमीनी पकड़ अब भी मजबूत बनी हुई है।
रुझानों से तीन मुख्य संकेत उभरकर सामने आए हैं:
- भाजपा राज्य में प्रमुख राजनीतिक शक्ति बनी हुई है।
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का नेतृत्व जनविश्वास के केंद्र में है।
- राज्य की जनता अब विकास और सुशासन आधारित राजनीति की अपेक्षा रखती है।
यदि अंतिम परिणाम भी रुझानों के अनुरूप आते हैं, तो यह राज्य के पंचायत स्तर पर राजनीतिक संतुलन और शासन की दिशा को एक नया संकेत देगा।
