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( सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी)

(योगेश पांडे)
हल्द्वानी: कुमाऊँ मण्डल से जुड़ी वन विभाग की चम्पावत डिवीजन में राज्य गठन के बाद से हर गणना में बडा़ अंतर देखने को मिला है। पिछले तीन गणनाओं पर नजर डालने पर पता चलता है कि इस दौरान चौदह हाथी लापता हो गए।
चंपावत जिले का ज्यादतर भाग पर्वतीय क्षेत्र से जुड़ा है l हालांकि बूम और दो गाड़ी इन दो रेंजो में हाथी की मौजूदगी हमेशा रही है।
राजस्थान के रणथंभौर नेशनल पार्क से एक वर्ष के अंदर 25 बाघों के लापता होने का मामला देश भर में चर्चा में है। घटना के बाद हरकत में आए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने भारत के सभी नेशनल पार्क को पत्र भेजकर सुरक्षा अलर्ट जारी कर दिया है। वहीं चंपावत जिले में हाथीओं की गणना को लेकर सूचना अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार 2012 में की गणना में 26 हाथी मिले, जबकि 2020 में यह संख्या घट कर 12 हो गई यानी 14 हाथियों ने इस जंगल को छोड़ दिया। अब नये सिरे से गणना होने पर ही भविष्य की स्थिति साफ होगी। फिलहाल हाथियों का अपने क्षेत्र में नजर न आना पशु विशेषज्ञों को चिंता में डालता है।
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