

(पर्यावरण क्षति पूर्ति के लिए 98 हेक्टेयर जमीन मिलना मुश्किल, काठगोदाम से नैनीताल तक 34 किलोमीटर सड़क का कार्य अधर में)











(योगेश पांडे)
हल्द्वानी: कुमाऊँ में सड़क चौडी करण से जुड़ा एक मुख्य प्रोजेक्ट अटक गया है l मामला काठगोदाम से नैनीताल 34 किमी लंबी सड़क से जुड़ा है।
केन्द्र सरकार ने 709.86 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति दे दी है इसके बावजूद भूमि नहीं मिलने से संकट की स्थिति पैदा हो गई है l काठगोदाम से नैनीताल तक चौडी़करण के लिए वन भूमि हस्तांतरण की आवश्यकता है। इसके बदले दोगुनी जमीन 98 हेक्टेयर पर्यावरण के लिए तलाशनी है। जमीन मिलने के बाद ही टेंडर प्रक्रिया आगे बढे़गी, लेकिन पौधे लगाने के लिए इतनी ज्यादा जमीन पूरे राज्य में कहीं नहीं मिल रही है।
काठगोदाम से नैनीताल तक सड़क चौडी़करण के लिए लंबे समय से मांग चल रही है, केवल डामरीकरण वाला भाग ही चौड़ा कर दस मीटर किया जाएगा। इसके पानी निकासी के नाली व सड़क सुरक्षा के उपाय भी किए जाने हैं। काठगोदाम से कलसिया नाले के ऊपर नये पुल का निर्माण। नैनीताल तक पड़ने वाले कलमठ को नया रुप दिया जाएगा। सर्वे के बाद डीपीआर तैयार की गई जिस पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 709.86 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति भी दी है l वन भूमि हस्तांतरण के लिए फाइल भी चल गई थी लेकिन मामला यहाँ पर अटका वन मन्त्रालय भूमि देने को तैयार है लेकिन नियम अनुसार जितनी भूमि ली जायेगी उसकी दोगुनी भूमि वन विभाग को देनी होगी l अब बदले में 98 हेक्टेयर जमीन जिले में तो छोड़ो समूचे राज्य में नहीं है l जहाँ पौधे लगाए जा सकें ऐसे में एक बेहतरीन प्रोजेक्ट अटक गया है l प्रवीण कुमार ई ई एन एच बताते हैं कि केंद्र से वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी है, पर्यावरण क्षति पूर्ति के लिए भूमि की तलाश जारी है l जमीन मिलने के बाद ही सड़क चौड़ीकरण प्रोजेक्ट आगे बडा़या जाएगा।

