

( सभी धर्मो की आस्था का केंद्र सड़क चौडी़करण के लिए करना होगा स्थानान्तरण)










(योगेश पांडे)
हल्द्वानी कालुसिद्ध बाबा का मन्दिर कालाढूंगी चौराहे पर स्थित है l यह मन्दिर हल्द्वानी ही नहीं अपितु बाहर से आने वाले लोंगो का भी आस्था का केंद्र है l चाहे किसी भी धर्म या मजहब का हो हर इंसान यहाँ माथा टेकता है और मन्नत मांगता है l भक्तों का अटूट विश्वास है कि उनकी यंहा मांगी हुई हर मनोकामना पूर्ण होती है। मनोकामना पूर्ण होने पर भक्त यहाँ गुड़ की भेली चड़ाते हैं। इस मदिंर का इतिहास दो सौ साल पुराना है प्राचीन मान्यता के अनुसार करीब दो सौ वर्ष पहले कालू सिद्ध बाबा तपस्या करने निकले थे। उन्होंने अपनी तपोस्थली देवभूमि उत्तराखंड को चुना। बाबा जब यात्रा करते हुए हल्द्वानी पहुंचे तो उन्हे यहाँ का शांत वातावरण व दिव्यता इतनी भाई कि उन्होंने यहीं तपस्या करने की ठान ली l उन्होंने इस अलौकिक स्थान क्षेत्र के मुख्य केंद्र पर जो पीपल का पेड़ स्थित है उसके नीचे बैठकर शनि देव और महादेव की आराधना प्रारम्भ कर दी l कालू सिद्ध महाराज के बाद सुमन गिरी महाराज और मौनी गिरी महाराज ने यहाँ साधना करी l अब महंत कालू गिरी महाराज इस मन्दिर की सेवा कर रहे हैं l कालू गिरी महाराज ने बताया कि वह सात साल की उम्र से इस मन्दिर की सेवा कर रहे हैं कालू गिरी ने कहा गुरुजी को गुड़ बहुत पसन्द था और भक्त भी गुड़ ही चढ़ाते थे l तभी से इस मन्दिर में गुड़ चढ़ाने की परम्परा है l अब जाम की स्थिति से निपटने के लिए सड़क चौडी़करण का नैनीताल रोड में किया जाना है। मन्दिर सड़क चौड़ा करने के नियम केंद्र बिंदु से 12 मीटर के दायरे में आ रहा है l इस कारण आस्था के केंद्र को बगल में खाली जमीन पर शिफ्ट किया जाना है मन्दिर का नया व भव्य डिजाइन भी तैयार हो गया है l कल बुधवार को पण्डित जनार्दन जोशी के निर्देशन में भूमि का विधिवत पूजन भी किया गया इस दौरान भक्तों द्धारा कालू सिद्ध बाबा की जय के नारे भी लगाए गए l भक्तों के नारों और भजन कीर्तन से माहौल भक्ति मय हो गया l अब आज से मन्दिर की निर्माण सामग्री व निर्माण कार्य शुरू कराया जायेगा l

