


(किसी का निवास किसी की दुकान तोड़ किया गया सड़क को चौड़ा यातायात के लिए पर बन गई पार्किंग) हल्द्वानी धनिया के तीन पात वाली कहावत भी सटीक बैठती है l और यह भी अंधा बांटे रेवड़ी फिर फिर अपने को दे यह भी lक्योकि हल्द्वानी के हालत ही कुछ ऐसे बन गए l आज मामला लालडांट का लेते हैं। पहले जहाँ मकांन व दुकाने थी जहाँ से किसी के बच्चे पलते थे जहाँ कभी लोग रहते थे l यातायात की चरमराती व्यवस्था को पटरी पर लाने रोज जाम से मुक्ति पाने को सड़क चौडी करण प्रशासन व शासन ने करवाया और इसकी जद में आये भवन व दुकानों को तोड़ कर सड़क को चौड़ा तो कर दिया पर व्यवस्था लागू नही करी। कोई देखने वाला नही कोई पूछने वाला न होने के कारण यहाँ के समझदार लोगों ने सड़क पर दुकान व पार्किंग बना दी l अब जैसा राजा वैसी प्रजा या जैसी प्रजा वैसा,,,,,, l











