


(सीबीएसई के स्पष्ट प्राविधानों के बावजूद कई स्कूल संचालक कर रहे हैं मनमानी, काउंसलर तक नही रखे निजी स्कूलों ने एवज में वसूली जा रही मोटी रकम)










# कुछ निजी स्कूलों की महिला कर्मचारी की शिकायतें पद परिचालक और कार्य करवाते हैं स्वछ्क व माली का
(योगेश पांडे)
हल्द्वानी निजी स्कूलों की मनमानी इस कदर हावी हो चुकी है कि अभिवाहक खुद को अभी से ठगा महसूस कर रहे हैं l यहाँ तक कि अधिकांश निजी स्कूलों के प्रबन्धक केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड( सीबीएसई) के इस आदेश की भी मजाक उड़ा रहे हैं जिसमें स्पष्ट रूप से निर्देशित है कि हर स्कूल में एक काउंसलर की भर्ती सुनिश्चित करें l लेकिन इस एवज में अभिवाहकों से मोटी रकम तो ली गई है पर अधिकांश अभिवाहकों की शिकायत है कि मात्र औपचारिकता पूर्ण करने व कागजों का पेट भरने के लिए कुछ स्कूलों ने काउंसलर रखे तो हैं पर बच्चों को वह सुविधा नही मिल पा रही हैं l जिस प्रकार से शिक्षा का व्यवसायिक करण हुआ है ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जैसे शिक्षा की दुकाने खुल गई हों lप्रदेश में नया शैक्षणिक सत्र माह अप्रैल से शुरू होगा लेकिन कुछ स्कूलों ने प्रवेश प्रकिया शुरू कर दी है l बाजार में तरह तरह की प्रचार सामाग्रीयां लग गई हैं l
शिक्षा के महंगे दौर में माता पिता स्कूल और समाज सबकी एक सोच होती हैं उनका बच्चा पड़ाई में बेहतर रहे अच्छे नम्बर लाने का दवाब घर से लेकर स्कूल और समाज का बच्चों पर दवाब बना रहता हैं l इन सबके चलते कभी बच्चा तनाव में आ जाता हैं और आत्म ह्त्या जैसे कृत्य को कर जाता है l इन सब को देखते हुए और ध्यान में रखकर सीबीएसई ने काउंसलर रखने का प्रविधान रख आदेशित किया कि हर स्कूल में एक काउंसलर और एक वैल्नेस अध्यापक की नियुक्ति की जायेगी l लेकिन हल्द्वानी के अधिकांश स्कूल इस आदेश की मजाक उड़ा इस एवज में एक मोटी रकम वसूल रहे हैं इधर कुछ स्कूल लामचौड शिक्षा नगर में खुल गए जहाँ न तो किसी अधिकारी की पहुँच हैं न कोई देखने वाला यहाँ मनमानी का यह आलम है कि स्कूल बस के लिए महिलाओं को परिचालक के पद पर भर्ती किया जाता है और कार्य स्वछ्क् और माली का कराया जाता है l अधिकांश स्कूलों में कार्य करने वाली महिलाओं की शिकायत है कि हमसे सेलरी रजिस्टर में जिस रकम जितनी रकम पर साइन कराये जाते हैं उतने स्कूल प्रबन्धक द्धारा दिये नही जाते l वहीं कुछ स्कूलों में महिला कर्मचारी ने शिकायत करी हैं कि हमें भर्ती परिचालक के पद पर किया हैं पर कार्य स्वच्छ्क् और माली का लिया जा रहा हैं इसके लिए स्कूल प्रबन्धक द्धारा एक महिला कर्मचारी व एक पुरुष कर्मचारी नियुक्त किया हुआ हैं जो इन महिलाओं की आर्थिक स्थिति व मजबूरी का फायदा उठा नौकरी से निकालने की धमकी देकर उस कार्य को करवाती हैं जो एक लेबर स्वच्छ्क् व माली का होता है l यही नही कुछ स्कूलों से जब फोन कर इस बावत जानकारी ली तो उन्होंने फोन नही उठाया और कुछ ने खुद को ऊँची राजनीतिक पहुँच वाला बताया l लेकिन उन महिलाओं और अभिवाहकों ने थक हार कर मीडिया से अपनी बात कहीं हैं l

