


( या तो नाले में बह गए या फिर निगल गया आसमान चोरी नही हुई तो बताए पुलिस एक दो नही 70 नट बोल्ड कहाँ है न जांच न करी पड़ताल एक व्यक्ति का बयां लेकर मुकदमा कर दिया बन्द)










(योगेश पांडे)
हल्द्वानी बार बार हर बार पुलिस पर सवाल उठते हैं कहीं कहीं तो पुलिस सही होती है सवाल गलत उठाये जाते हैं l पर काठगोदाम बैली ब्रिज से नट बोल्ड चोरी होने के मामले में काठगोदाम पुलिस की कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में है l इसको पुलिस की तत्परता कहें या चालाकी लोनिवि के एन एच डिविजन की ओर से तहरीर मिलने के चन्द घण्टों में जांच पूरी कर पल्ला झाड़ लिया l केवल एक व्यक्ति का बयान लेकर यह मान लिया कि चोरी नही हुई और रिपोर्ट दर्ज नही करी अब पुलिस अधिकारी यह बताएं कि आखिर वह ब्रिज के 70 नट बोल्ड हैं कहाँ,,ज़मीं खा गई या निगल गया आसमां,, l पुलिस की इस प्रकार की लापरवाही एक बड़े अपराध को जन्म दे रही हैं l माना कि वह बैली ब्रिज के नट बोल्ड किसी नशेड़ी ने चोरी किये हो या शातिर चोरो ने पर मामला सुरक्षा का है l यदि उन नट – बोल्ड के चोरी होने के बाद पुल के गिरने या हिलने से कोई बड़ा हादसा हो जाता तो जिम्मेदार कौन होता l यहाँ पर मामला चोरी का कम सुरक्षा का ज्यादा बनता है ऐसे में पुलिस ने खुद मुकदमा दर्ज कर जांच कर अपराधी को गिरफ्त में लेना था ताकि फिर कोई ऐसी भूल न करे l पर यहाँ तो उल्टा ठेकेदार के बयानं लेकर यह कह दिया कि चोरी नही हुई क्या यह बात ऐसा कृत्य करने वालों के हौसले को नही बढायेगी l

