


(योगेश पांडे)










शैलचैत्र नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है। माता शैलपुत्री भगवान शिव की पत्नी पार्वती का एक रूप हैं। उनका नाम “शैलपुत्री” इसलिए पड़ा क्योंकि वे पहाड़ों की पुत्री हैं (शैल का अर्थ है पहाड़)।
माता शैलपुत्री की पूजा करने से भक्तों को आध्यात्मिक शक्ति और साहस प्राप्त होता है। उनकी पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं और वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल होते हैं।
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन किया जा सकता है:
- स्नान और पूजा: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और माता शैलपुत्री की पूजा करें।
- मंत्र जाप: माता शैलपुत्री के मंत्र “ॐ शैलपुत्र्यै नमः” का जाप करें।
- फूल और फल चढ़ाना: माता शैलपुत्री को फूल और फल चढ़ाएं।
- आरती: माता शैलपुत्री की आरती करें।
- भोग लगाना: माता शैलपुत्री को भोग लगाएं।
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा करने से भक्तों को आध्यात्मिक शक्ति और साहस प्राप्त होता है।

