


(योगेश पांडे)










चैत्र नवरात्र के चतुर्थ दिन करें मां कुष्मांडा की पूजा नवरात्र के चतुर्थ दिन करें मां कुष्मांडा की पूजाचैत्र नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है। मां कुष्मांडा देवी दुर्गा के नौ रूपों में से चौथा रूप हैं। उनकी पूजा करने से भक्तों को स्वास्थ्य, समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है।
मां कुष्मांडा की पूजा करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन किया जा सकता है:
पूजा विधि
- स्नान और पूजा: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और मां कुष्मांडा की पूजा करें।
- मंत्र जाप: मां कुष्मांडा के मंत्र “ॐ कुष्मांडायै नमः” का जाप करें।
- फूल और फल चढ़ाना: मां कुष्मांडा को फूल और फल चढ़ाएं।
- आरती: मां कुष्मांडा की आरती करें।
- भोग लगाना: मां कुष्मांडा को भोग लगाएं।
- दान करना: मां कुष्मांडा की पूजा के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।
पूजा के लाभ
मां कुष्मांडा की पूजा करने से भक्तों को निम्नलिखित लाभ होते हैं:
- स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति
- सुख और शांति की प्राप्ति
- दुखों और कठिनाइयों का निवारण
- आध्यात्मिक ज्ञान और शक्ति की प्राप्ति
पूजा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
मां कुष्मांडा की पूजा करने के दौरान निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- पूजा करने से पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- पूजा के दौरान शुद्ध और सकारात्मक विचारों को अपनाएं।
- पूजा के दौरान मां कुष्मांडा के मंत्र का जाप करें।
- पूजा के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।

