


(योगेश पांडे)










षष्टम नवरात्रि में माँ कात्यायनी की पूजा की जाती है। माँ कात्यायनी देवी दुर्गा के नौ रूपों में से छठा रूप हैं। उनकी पूजा करने से भक्तों को आध्यात्मिक शक्ति और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
माँ कात्यायनी की पूजा करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन किया जा सकता है:
पूजा विधि
- स्नान और पूजा: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और माँ कात्यायनी की पूजा करें।
- मंत्र जाप: माँ कात्यायनी के मंत्र “ॐ कात्यायन्यै नमः” का जाप करें।
- फूल और फल चढ़ाना: माँ कात्यायनी को फूल और फल चढ़ाएं।
- आरती: माँ कात्यायनी की आरती करें।
- भोग लगाना: माँ कात्यायनी को भोग लगाएं।
- दान करना: माँ कात्यायनी की पूजा के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।
पूजा के लाभ
माँ कात्यायनी की पूजा करने से भक्तों को निम्नलिखित लाभ होते हैं:
- आध्यात्मिक शक्ति और ज्ञान की प्राप्ति
- दुखों और कठिनाइयों का निवारण
- सुख और समृद्धि की प्राप्ति
- आत्मविश्वास और साहस की वृद्धि
पूजा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
माँ कात्यायनी की पूजा करने के दौरान निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- पूजा करने से पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- पूजा के दौरान शुद्ध और सकारात्मक विचारों को अपनाएं।
- पूजा के दौरान माँ कात्यायनी के मंत्र का जाप करें।
- पूजा के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।

