


(योगेश पांडे)










सप्तम दिवस पर माँ कालरात्रि की पूजा की जाती है। माँ कालरात्रि देवी दुर्गा के नौ रूपों में से सातवां रूप हैं। उनकी पूजा करने से भक्तों को शक्ति और साहस की प्राप्ति होती है।माँ कालरात्रि की पूजा करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन किया जा सकता है:पूजा विधि1. *स्नान और पूजा*: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और माँ कालरात्रि की पूजा करें।2. *मंत्र जाप*: माँ कालरात्रि के मंत्र “ॐ कालरात्र्यै नमः” का जाप करें।3. *फूल और फल चढ़ाना*: माँ कालरात्रि को फूल और फल चढ़ाएं।4. *आरती*: माँ कालरात्रि की आरती करें।5. *भोग लगाना*: माँ कालरात्रि को भोग लगाएं।6. *दान करना*: माँ कालरात्रि की पूजा के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।पूजा के लाभमाँ कालरात्रि की पूजा करने से भक्तों को निम्नलिखित लाभ होते हैं:- शक्ति और साहस की प्राप्ति- दुखों और कठिनाइयों का निवारण- सुख और समृद्धि की प्राप्ति- आध्यात्मिक ज्ञान और शक्ति की प्राप्तिपूजा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातेंमाँ कालरात्रि की पूजा करने के दौरान निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:- पूजा करने से पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।- पूजा के दौरान शुद्ध और सकारात्मक विचारों को अपनाएं।- पूजा के दौरान माँ कालरात्रि के मंत्र का जाप करें।- पूजा के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।

