


(योगेश पांडे)










मां सिद्धिदात्री देवी दुर्गा के नौ रूपों में से नौवां और अंतिम रूप हैं। उनकी पूजा करने से भक्तों को सिद्धि और सफलता की प्राप्ति होती है।
मां सिद्धिदात्री की पूजा करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन किया जा सकता है:
पूजा विधि
- स्नान और पूजा: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और मां सिद्धिदात्री की पूजा करें।
- मंत्र जाप: मां सिद्धिदात्री के मंत्र “ॐ सिद्धिदात्र्यै नमः” का जाप करें।
- फूल और फल चढ़ाना: मां सिद्धिदात्री को फूल और फल चढ़ाएं।
- आरती: मां सिद्धिदात्री की आरती करें।
- भोग लगाना: मां सिद्धिदात्री को भोग लगाएं।
- दान करना: मां सिद्धिदात्री की पूजा के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।
पूजा के लाभ
मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से भक्तों को निम्नलिखित लाभ होते हैं:
- सिद्धि और सफलता की प्राप्ति
- दुखों और कठिनाइयों का निवारण
- सुख और समृद्धि की प्राप्ति
- आध्यात्मिक ज्ञान और शक्ति की प्राप्ति
पूजा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
मां सिद्धिदात्री की पूजा करने के दौरान निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- पूजा करने से पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- पूजा के दौरान शुद्ध और सकारात्मक विचारों को अपनाएं।
- पूजा के दौरान मां सिद्धिदात्री के मंत्र का जाप करें।
- पूजा के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।

