


(नवरात्र में कन्या पूजन के लाभ ब विधि)










(योगेश पांडे)
उत्तराखंड में कन्याओं की संख्या मे गिरावट के कई कारण हो सकते हैं l
*कुछ संभावित कारणों में शामिल हैं:
कन्याओं की संख्या में कमी के कारण
- लिंग अनुपात में असंतुलन: उत्तराखंड में लिंग अनुपात में असंतुलन एक बड़ी समस्या है, जिसके कारण कन्याओं की संख्या कम हो रही है।
- शिक्षा और जागरूकता की कमी: शिक्षा और जागरूकता की कमी के कारण लोग कन्याओं के महत्व को नहीं समझते हैं।
- पारंपरिक सोच: पारंपरिक सोच और समाज में व्याप्त भेदभाव के कारण कन्याओं को कम महत्व दिया जाता है।
- आर्थिक समस्याएं: आर्थिक समस्याएं भी कन्याओं की संख्या में कमी का एक कारण हो सकती हैं।
नवरात्र में कन्या पूजन का महत्व
नवरात्र में कन्या पूजन एक महत्वपूर्ण परंपरा है, जिसमें कन्याओं को देवी के रूप में पूजा जाता है। इस परंपरा के माध्यम से कन्याओं को सम्मान और महत्व दिया जाता है।
कन्या पूजन के लाभ
कन्या पूजन के कई लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं:
- कन्याओं को सम्मान: कन्या पूजन के माध्यम से कन्याओं को सम्मान और महत्व दिया जाता है।
- समाज में जागरूकता: कन्या पूजन के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाई जा सकती है।
- पारंपरिक सोच में बदलाव: कन्या पूजन के माध्यम से पारंपरिक सोच में बदलाव लाया जा सकता है।
कन्या पूजन कैसे करें
कन्या पूजन करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन किया जा सकता है:
- कन्याओं को आमंत्रित करें: नवरात्र के दौरान कन्याओं को आमंत्रित करें।
- कन्याओं को सम्मान दें: कन्याओं को सम्मान और महत्व दें।
- कन्याओं को भोजन कराएं: कन्याओं को भोजन कराएं।
- कन्याओं को उपहार दें: कन्याओं को उपहार दें।
*केवल आज पूजा करने से ही नहीं होगा कोई लाभ कन्याओं की रक्षा के लिए सरकार के साथ आम जन मानस को भी उठाने होंगे ठोस कदम और दृढ़ कृत संकल्प के साथ *

