


(विद्यालय के शौचालय में फैली गंदगी बदबू बीमारियों को दे रही है दावत)









(योगेश पांडे)
भीमताल: भीमताल विकास खंड क्षेत्र में सरकारी स्कूलों की दशा पूरी तरह खस्ता हाल हो गई है। सुरक्षा की बात तो बहुत दूर की है साहब देश का भविष्य तिरपाल के नीचे बैठ कर शिक्षा ग्रहण कर रहा है उस पर भी शौचालय में फैली गंदगी से आने वाली बदबू भी सहन कर रहा है विद्यार्थी और स्टॉफ। अब यह सब देखने सुनने वाला है कौन कागजों में तो उत्तराखंड का जम कर विकास हो रहा है। श्री पूर्णानंद तिवारी राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय चाफ़ी, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय विनायक, प्राथमिक विद्यालय अलचौना ताड़ा की दशा दुर्दशा में तब्दील हो गई है। श्री पूर्णानंद तिवारी राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की बिल्डिंग 1960 में बनाई गई थी। जो अब संपूर्ण रूप से जर्जर हो गई है। इस विद्यालय में छः सौ के करीब विद्यार्थी विद्या अध्यन करते हैं। यहां सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं।
टूटी छत, जर्जर भवन खिड़की टूटी, छतों से पानी का रिसाव, क्लास रूम में सीलन, कंप्यूटर बंद, बदबू और गंदगी से भरा शौचालय और तिरपाल के नीचे इन सब चीजों का संकट झेल विद्यार्थी विद्या अध्यन कर रहे हैं और स्टॉफ कष्ट सहन कर रहा है। प्राथमिक विद्यालय अलचौना ताड़ा का भवन भी पूर्ण रूप से खराब हो चुका है। जिले में कुल 1325 सरकारी स्कूल हैं। जिसमें से 137 अति जर्जर स्थिति में हैं। तो कौन ले रहा है जिम्मेदारी? गोविंद राम जायसवाल मुख्य शिक्षा अधिकारी ने बताया कि नैनीताल जिले में 137 विद्यालयों को ठीक करने के लिए सर्वे कराया गया है। जिला योजना से दो करोड़ साठ लाख रुपए भी आ गए हैं। जिनसे विद्यालयों को ठीक कराने का कार्य किया जाएगा। बाकी फंड का इंतजाम करने की कोशिश जारी है। सवाल यह है कि क्या होगा उस देश का भविष्य जहां विद्यार्थियों को शिक्षा के लिए उचित व्यवस्था न मिले और न सुरक्षा।
