

📌 हमारे फेसबुक पेज से जुड़ने के लिए Facebook Page










(यदि अतिक्रमण न किया होता तो आज यह सब न होता)
(योगेश पांडे)
उत्तरकाशी। थराली में आई तबाही पहली बार नहीं है प्रकृति ने पहले भी जल स्तर का विकराल रूप दिखा के जता दिया था कि नदी अवरुद्ध मत कीजियेगा। अब प्रकृति ने विकराल रूप धारण कर मंगलवार को संभलने का मौका तक नहीं दिया जो जहां था वहीं बहता चला गया। थराली में ऐसा पहली बार नहीं हुआ सन् 2017 /18 में भी हुआ था। खीर गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण बाजार और आसपास के क्षेत्र में नुकसान हुआ। 2023 में भी खीर गंगा का जलस्तर बढ़ने से गंगोत्री हाइवे बंद रहा। इसके साथ ही दुकानों और होटलों में भी नुकसान हुआ। **लेकिन प्रशासन नहीं चेता** सबसे बड़ी बात खीर गंगा के मार्ग में को होटल और भवन बने थे उनका नक्शा या परमिशन किसने दी और क्यों? यदि प्रकृति से छेड़छाड़ होगी तो वह दिन दूर नहीं जब ऐसी हर जगह पर त्रासदी होगी जहां नदी या रौले का मार्ग अवरुद्ध होगा। इस दुःख की घड़ी में हर भारतीय स्तब्ध है । लेकिन चेतावनी भी है कि मत करो प्रकृति से छेड़छाड़।
📌 हमारे फेसबुक पेज से जुड़ने के लिए Facebook Page
