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(योगेश पांडे)

जीएसटी चोरी के खेल में अब माफिया और अफसरों के साथ व्यापारी नेता भी साझेदार हैं। हर महीने मिलने वाला ‘एमबीटी’ टैक्स इस गोरखधंधे की असली चाबी है। हल्द्वानी समाचार ने इस गठजोड़ के सुराग पकड़ लिए हैं।
हल्द्वानी। उत्तराखंड में जीएसटी चोरी का खेल अब सिर्फ टैक्स चोरी का माल लाने वाले माफियाओं और अफसरों तक सीमित नहीं है, बल्कि कई कथित व्यापारी नेता भी इसमें भागीदार बने हुए हैं। सूत्र बताते हैं कि ये कथित नेता हर चाल से वाकिफ हैं और इस गोरखधंधे में बराबरी से हिस्सेदारी निभा रहे हैं।
खुलासा यह है कि माफियाओं के “अफसर दोस्त” हर महीने इन्हीं नेताओं को तथाकथित “एमबीटी” (मुंह बंद रखने का टैक्स) थमाते हैं, ताकि कोई आवाज़ न उठे। यही वजह है कि जब किसी व्यापारी संगठन के नेता ने इस मुद्दे को पहले ज़ोर-शोर से उठाया था, तो बाद में एमबीटी का लाभ मिलने के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
हल्द्वानी समाचार को ऐसे ही जीएसटी अफसरों और कथित नेताओं के गठजोड़ के पुख्ता सुराग मिले हैं, जिन्हें जल्द ही उजागर किया जाएगा।
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