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(65 फीट ऊँचे रावण के पुतले कों हल्द्वानी रामलीला ग्राउंड में गुरुवार विजयदशमी के अवसर पर रात 8.30 पर श्री राम नें दहन किया)
(योगेश पांडे)
कलयुग बैठा मार कुंडली जाऊं तो अब कहाँ में जाऊं, अब हर घर एक रावण बैठा इतने राम कहाँ से लाऊँ।रावण इस युग में भरस्टाचार, अनाचार, बलात्कारी, देश द्रोहियों, घुसपैठियों, नारी का सम्मान न करने वालों, तीन माह की बच्ची से सत्तर साल की वृद्दा से दुष्कर्म करने वाले, जनता की कमाई कों लूट अपना घर भरने वालों, साइबर क्राइम करने वालों, रात कों युवा लड़को कों लड़कियों द्दारा बाथरूम में जा वीडियो काल पर भड़काने वाले, सड़क कों अपनी समझ जाम लगाने वालों, अस्पताल में मरीज की जान से खिलवाड़ करने वालों, स्कूलों में फीस मोटी और सुविधा पढ़ाई न देने वालों रावण रूपी लोंगो से त्रस्त जनता कों बचाने के लिए इतने राम कहाँ से लाऊँ। चार वेदों का ज्ञाता छह शास्त्रों कों कंठस्थ करने वाला, महादेव का परम् भक्त, देवताओं से लेकर नौ ग्रहो कों बंदी बना कर रखने वाला रावण यहाँ तक स्वंय काल भी जिसके बस में था। जिसे मारने के लिए नारायण अवतार श्री राम कों वन वन भटकना पड़ा ऐसे योद्धा का अंत मात्र अहंकार और एक स्त्री का हरण अपने भाई का अपमान करने के कारण हुआ।सनातन धर्म के आगे महाज्ञानी पर अधर्मी रावण भगवान श्री राम के हाथों भाई विभीषण के भेद बताने के कारण मारा गया। विजयदशमी गुरुवार कों हल्द्वानी रामलीला मैदान में रामलीला मंचन के दौरान जैसे ही प्रभु श्री राम नें रावण कों मार गिराया सारा पंडाल पूर्ण परिसर जय श्री राम के नारों से गूंज उठा। रात करीब साढ़े आठ बजे 65 फ़ीट ऊँचे बुराई के प्रतीक रावण कों अच्छाई के प्रतीक श्री राम नें दहन किया मात्र एक मिनट में ही लंका पति का पुतला खाक हो राख़ बन गया।
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