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नैनीताल के आसपास के जंगलों में गर्मी में लगी भीषण आग से संबंधित मामला नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन जीटी) पहुंच गया है। सुनवाई के दौरान केन्द्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने कहा कि जंगल की आग से निपटना राज्य प्रशासन की जिम्मेदारी। एनजीटी ने सरकार से पेड़ व जैव विविधता नष्ट होने के बारे में पूछा तो मंत्रालय ने विस्तृत शपथ पत्र दायर करने के लिए समय मांगा। एनजीटी के अध्यक्ष जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायिक सदस्य अरुण कुमार त्यागी,व विशेषज्ञ डाक्टर सैंथिल वैल की संयुक्त पीठ ने नैनीताल निवासी मनोज नेगी की याचिका पर सुनवाई हुई। मनोज नेगी की ओर से 27 अप्रैल के समाचार पत्र में प्रकाशित रिपोर्ट के आधार पर याचिका दायर की गई थी। सुनवाई के दौरान आपदा हर साल होती है जिससे जंगल व पर्यावरण को भारी नुक्सान होता है ऐसा एनजीटी ने माना। जुलाई में पिछली सुनवाई के दौरान राज्य और केन्द्रीय मंत्रालय दोनों ने सितंबर तक अपनी रिपोर्ट पेश करने को कहा लेकिन अभी तक कोई रिपोर्ट पेश नहीं की गई है। 23 सितंबर को सुनवाई के दौरान बताया गया कि इसी तरह के मुद्दे से संबंधित एक मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। एनजीटी ने अब राज्य सरकार को अगले साल जनवरी तक सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामलों का ब्यौरा देने का आदेश दिया है।

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