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देवखडी नाले में कार व रकसिया नाले में ई रिक्शा बहा, गायत्री विहार के घरों में घुसा पानी और मलबा, प्रेमपुर लोशज्ञानी में रकसिया नाले से लोगों में खौफ। देवखडी नाले के काम में लापरवाही बरती जा रही है यह इस बाढ़ ने साबित कर दिया है। अभी १९ अगस्त को आई थी पहली आपदा। इसके बाद भी काम में सुस्ती और लापरवाही का दंश झेल रही है यहां की जनता। अफसरों की लापरवाही के कारण रात भर घरों में जाग रहें हैं लोग। इतना दहशत की नाले से नजरें नहीं हटा पा रहे हैं स्थानीय निवासी। पड़ोसियों के घर से आया खाना,रात को बाढ़ का पानी लोगों के घरों में घुसा तो उठे नींद से अधिकारी।










आधी रात को नाले में उतारा बुलडोजर। पानी से आबादी के खतरे को टाला। बादल फटने से काठगोदाम से तिकोनिया तक वर्षा, रामपुर रोड क्षेत्र में सूखा। फेल ड्रेनेज सिस्टम जो कागजों में बटोर चुका वाहवाही। तल्ली बमोरी की सड़कें जलमग्न, सिस्टम लाचार। पर्वत प्रेरणा सांध्य दैनिक समाचार पत्र के संवाददाता योगेश पांडे के सवाल। क्यों हादसे के बाद ही जागता है प्रशासन और शासन। सवाल नंबर दो क्या शासन के आदेश को हवा में उड़ाया जा रहा है, जबकि पिछले माह ही कार्य में तेजी लाने की बात कही थी शासन ने बाढ़ के बाद। सवाल नंबर तीन जब धरातल पर कार्य ही सही नहीं हुआ तो कागजों में कैसे वाहवाही लूटी गई ड्रेनेज प्लान पर। जिम्मेदार कौन।


