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(योगेश पांडे)










अभियंताओं ने स्टेडियम का किया ड्रोन सर्वे,आठ एकड़ भूमि स्टेडियम की समा चुकी है गौला नदी
में,कटाव लगातार जारी।
हल्द्वानी कुमाऊं के सबसे बड़े एक मात्र इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स स्टेडियम के अस्तित्व पर शासन प्रशासन की लापरवाही से खतरा मंडराने लगा है। लगभग आठ एकड़ स्टेडियम की भूमि कटाव से गौला नदी में बह चली है। शनिवार रात से रविवार रात तक इसमें वर्षा के कारण दस मीटर और कटाव किया है।इस कारण क्रिकेट मैदान की दूरी नदी से मात्र बीस मीटर ही रह गई है। स्टेडियम को दोबारा पहले की तरह लाने में साठ करोड़ रुपए खर्चा आ रहा है। रविवार को क्रिकेट मैदान के गेट नंबर दो को आने वाली सड़क भी गौला नदी में समा गई व श्रमिकों के रहने के लिए बने छह कमरे भी वर्षा के कारण नदी में समा गए हैं। सिंचाई विभाग के अभियंताओं द्वारा जब ड्रोन सर्वे कराया गया तो पाया गया है कि नदी के बीचों बीच बना मलवे का टापू पूरी समस्या की जड़ है।समय रहते यदि इसे हटाया नहीं गया तो और अधिक नुकसान करेगा। सिंचाई विभाग के मुताबिक पहले स्टेडियम का कुछ हिस्सा ही गौला नदी में डूबा हुआ था जिस पर 2..60 करोड़ रुपए का बजट बैठ रहा था। स्टेडियम में सुरक्षा कार्य के लिए केवल काउंटर फोर्ट वाल बनाईं जाती है तो बीस करोड़ रुपए का बजट बैठ रहा है। इसी प्रकार गौला नदी में बही आठ एकड़ भूमि रिकवर करने के अलावा सुरक्षा के लिए काउंटर फोर्ट वाल बनाईं जाती है तो साठ करोड़ रुपए खर्च बैठेगा।
मुख्य सचिव के समक्ष रखें जाएंगे दो प्रस्ताव। सिंचाई विभाग स्टेडियम की सुरक्षा कार्य के लिए बनाए गए दोनों प्रस्तावों को विभाग के मुख्य सचिव के समक्ष रखेगा। इनकी स्वीकृति के बाद ही प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। हालांकि जिला आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से स्टेडियम की सुरक्षा के लिए लगभग बीस करोड़ रुपए देने तक की बात हो रही है, इतने बजट में स्टेडियम की भूमि पुनर्जीवित नहीं हो पाएगी। आठ एकड़ भूमि रिकवर करने के लिए वहां कयी कुंतल मिट्टी व पत्थर लगाएं जाएंगे।जिसके बाद आरसीसी ब्लाक से विशालकाय काउंटर फोर्ट वाल बनाईं जाएगी। संजय शुक्ला ( मुख्य अभियंता) सिंचाई विभाग ने कहा कि स्टेडियम की सुरक्षा के लिए दो प्रस्ताव तैयार किए गए हैं, जिन्हें मुख्य सचिव के समक्ष रखा जाएगा। उनके जरिए ही प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा । हालांकि इसके पूर्व काउंटर फोर्ट वाल बनाने के लिए राज्य स्तरीय तकनीकी सलाहकार समिति ने मंजूरी दे दी थी।
देखना होगा फिर इतना धन खर्च कर अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स स्टेडियम सुरक्षित रह सकेगा। कब तक।


