

(रजत उत्सव मना, पच्चीसवें वर्ष में प्रवेश कर रहा है उत्तराखंड)











(योगेश पांडे)
हल्द्वानी: हम कह सकते हैं कि अब यह राज्य परिपक्व हो गया है। उत्तराखंड ने अपने रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर लिया है। पिछले कुछ वर्ष में लिए निर्णय ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जैसे समान नागरिक संहिता, मतांतरण पर रोक को सख्त कानून, लव लैंड, लव जिहाद पर अंकुश, सख्त नकल विरोधी कानून, राज्य में महिलाओं व राज्य आदोंलन कारियों को आरक्षण ने उत्तराखण्ड को एक विशेष पहचान दी है। इस सबको देखते हुए अगर कहा जाए कि बच्चा अब जवान हो गया तो गलत नहीं होगा l उत्तराखण्ड को बने 24 साल हो गए हैं इस अवधी में सरकार द्धारा राज्य हित में लिए गए तमाम निर्णय इसकी प्रगति में सहायक बने l
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कह दिया कि 21 वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का होगा l सरकार ने भी लक्ष्य रखा है कि अगले वर्ष राज्य जब रजत जयन्ती मनायेगा तो देश के राज्यों की शीर्ष पंक्तियों में शामिल होगा l इसके लिए देव भूमि की पहचान को सुरक्षित रखने व विकास की किरण अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ती तक पहुंचाने के प्रयास किये जा रहे हैं l

