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(योगेश पांडे)
(उच्च न्यायलय ने कम उम्र बाली बच्चों के प्यार के मामलों में शिकायत हो जाने के बाद पकड़े जाने पर केवल किशोर युवकों को ही गिरफ्तार करने व उन पर पोक्सो के तहत कारवाई किए जाने की जनहित याचिका पर सुनवाई की अदालत ने केंद्र व राज्य सरकार से इस मामले में जवाब माँगा है।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ज़ी नरेन्द्र और जस्टिस सुभाष उपाध्याय ने इस मामले पर सुनवाई की। अधिवक्ता मनीषा भंडारी ने याचिका दायर करते हुए कहा कि नाबालिक उम्र के प्यार में हमेंशा लड़कों को ही दोषी माना जाता है। भले ही वह आयु में लड़की से छोटा क्यों न हो उसी पर पोक्सो के तहत कारवाई भी होती है।
जिस उम्र में उसे स्कूल जाना चाहिए उसे बाल सुधार गृह में भेज दिया जाता है।
उन्होंने मांग की ऐसे मामले में किशोर को गिरफ्तार करने बजाय उसकी काउनसीलिंग की जानी चाहिए।
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