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हाईकोर्ट। उच्च न्यायालय ने कहा कि जीवन के अधिकार में ध्वनि प्रदूषण से मुक्ति भी शामिल हैं। प्रदूषण फैलाने वाले इसमें संविधान के अनुच्छेद के तहत दिए गए अपने विचार व राय व्यक्त करने का अधिकार (19(एक)(ए) का बचाव नहीं ले सकतें। उच्च न्यायालय ने हरिद्वार के भगवान पुर में नमाज के दौरान लाउडस्पीकर की अनुमति देने से संबंधित मामले में यह महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के क्रम में 2018 में हाईकोर्ट की ओर से पारित आदेश का उल्लेख करते हुए राज्य के सभी पुलिस प्रमुखों को यह सुनिश्चित करने को कहा है। इसका उल्लंघन करने वालों को ध्वनि प्रदूषण विनियमन -2000 के अन्तर्गत दंडित किया जाएगा।












