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त्तराखंड के विभिन्न स्थानों में लगातार साम्प्रदायिक उन्माद पैदा करने की कोशिशों की भाकपा (माले) तीव्र निंदा करती है और सांप्रदायिक जहर घोलने की कोशिश करने वालों पर अंकुश लगाने के लिए कठोर कानूनी कार्रवाई करने की मांग करती है।









भाकपा माले नैनीताल जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय ने जारी प्रेस बयान में कहा कि, श्रीनगर (गढ़वाल) में कल 3 अक्टूबर को जिस तरह घृणा भरे भाषण दे कर अल्पसंख्यकों के विरुद्ध जहर उगला गया, अल्पसंख्यकों का आर्थिक बहिष्कार करने का आह्वान किया गया और दुकानें जलाने की धमकी दी, वह न केवल अत्यंत आपत्तिजनक है बल्कि कानून व्यवस्था को ध्वस्त करने की खुली धमकी है। उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए पौड़ी पुलिस को इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए मुकदमा दर्ज करके कठोर कार्यवाही करनी चाहिए। साथ ही निर्दोष अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की गारंटी भी की जानी चाहिए। किसी भी समुदाय के व्यक्ति द्वारा अपराध किये जाने की दशा में भी कार्यवाही करने का हक पुलिस को है, किसी उन्मादी भीड़ को नहीं।
उन्होंने कहा कि, इसी तरह देहरादून के रायपुर क्षेत्र में युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म के आरोपों के बाद भी घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गयी, वह अत्यंत निंदनीय है। यह हैरत में डालता है कि बलात्कार के आरोप लगने पर एक उन्मादी भीड़ सिर्फ इसलिए आरोपियों के पक्ष में उतर आती कि आरोपी स्व धर्मी हैं। इस तरह की भीड़ को राजनीतिक संरक्षण मिलना नफरत फैलाने वाले ऐसे समाज विरोधी लोगों के हौसले को बढ़ाने का काम करता है।
माले जिला सचिव ने कहा कि, उत्तराखण्ड में यह परिस्थिति हो गई है चाहे हल्द्वानी में प्रहलाद की मूर्ति का मामला हो या किचन एप्लायंस कारोबारी का मामला, हल्द्वानी, देहरादून, नंदानगर, खटीमा, रुद्रपुर , श्रीनगर गढ़वाल, रुद्रप्रयाग हर जगह हर मसले को सांप्रदायिक रंग देने और उसे उन्माद- उत्पात का माध्यम बनाने वाले तत्वों पर कठोर कार्यवाही की जानी चाहिए। जिससे सामाजिक तानेबाने को छिन्न भिन्न करने की कोशिशों पर लगाम लगाने का काम किया जा सके और व्यापक जन समुदाय अमन चैन की जिंदगी बसर कर सके।
डा कैलाश पाण्डेय,
जिला सचिव, भाकपा (माले) नैनीताल
